Tulsi Gabbard: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया विभाग का निदेशक नियुक्त किया। हाल ही में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनोल्ड ट्रंप को जीत हासिल हुई है। सत्ता में आते ही ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व सदस्य तुलसी गबार्ड को DNI बनाने का फैसला किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को गर्वित रिपब्लिकन बताया और कहा कि अपनी निडर स्वभाव को वे खुफिया विभाग में भी लेकर आएंगी। मुझे उम्मीद है कि वह हमें गौरवान्वित करेंगी।
हिंदू धर्म का पालन करने वाली कौन हैं Tulsi Gabbard
तुलसी अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद हैं। उन्होंने अक्सर पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार की निंदा की है। गबार्ड अमेरिका में जन्मी थीं। उनकी मां ने हिंदू संस्कृति के अनुसार अपने बच्चों का पालन-पोषण किया। गौरतलब है कि तुलसी गबार्ड की मां हिंदू धर्म का पालन करती रही हैं जबकि पिता समोआ से हैं। हिंदू धर्म से गहरा जुड़ाव होने के कारण ही उनका नाम तुलसी रखा गया. वह सेना में रहने के दौरान इराक में भी तैनात रहीं।
तुलसी गबार्ड का भारत से कोई नाता नहीं हैं, लेकिन उनकी मां ने हिंदू धर्म अपना लिया था, जिसके चलते उन्होंने अपने बच्चों के नाम भी हिंदू धर्म वाले रखे। तुलसी गबार्ड भी हिंदू धर्म को मानती हैं। जब उन्होंने संसद में शपथ ली थी तो भागवत गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। वह माथे पर तिलक लगाती हैं और हाल में इस्कॉन मंदिर के कार्यक्रम में भी शामिल हुई थीं। उस समय उन्होंने हिंदी में जयकारा लगाया था। बाद में हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे… भजन भी गाया था।
राष्ट्रपति चुनाव में भी आजमा चुकी हैं अपना हाथ
पूर्व डेमोक्रेट तुलसी ने बाद में ट्रंप को सपोर्ट कर दिया था। ऐसे में उनकी नियुक्ति एक बड़ा फैसला है। सेना में तैनात रहीं तुलसी एक डेमोक्रेट के तौर पर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में भी उतरी थीं। हालांकि असफल रहीं। 2022 में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी (मतलब जो बाइडन की पार्टी) छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने ट्रंप के लिए कैंपेनिंग की। वह सबके सामने हिंदू धर्म का पालन करती हैं और मंच से राम-राम भजन भी गाती हैं।
ट्रंप ने घोषणा करते हुए क्या कहा था?
ट्रंप ने घोषणा की, ‘मुझे यह ऐलान करते हुए काफी खुशी हो रही है कि पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड डीएनआई के रूप में सेवाएं देंगी। दो दशकों से अधिक समय तक तुलसी ने हमारे देश और सभी अमेरिकियों की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है।’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व उम्मीदवार के रूप में उन्हें दोनों दलों में व्यापक समर्थन प्राप्त है, लेकिन अब वह रिपब्लिकन पार्टी की अहम सदस्य हैं…।’
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