Sensex News: भारतीय शेयर बाजार ने दिवाली के अवसर पर हुए मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन सोमवार को बाजार में फिर से बिकवाली का दबाव दिखा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में तेज गिरावट आई। सोमवार को बाजार में खुलते ही सेंसेक्स 1,014 अंकों की गिरावट के साथ 78,710.36 के स्तर पर और निफ्टी 308 अंक टूटकर 23,997 के स्तर पर कारोबार करते नजर आए। इस गिरावट के कारण निवेशकों को लगभग 6.8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिससे बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 6.8 लाख करोड़ रुपये गिरकर 441.3 लाख करोड़ रुपये रह गया।
सेंसेक्स ने 10 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 79,713 अंकों पर ओपन किया, जबकि निफ्टी 11 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 24,315.75 पर खुला। हालांकि, शुरुआती कारोबार में ही दोनों सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी में आईटी सेक्टर में खास तौर पर गिरावट देखने को मिली, जहां निफ्टी आईटी इंडेक्स में 0.57% की गिरावट आई। निफ्टी 50 में सिर्फ 9 स्टॉक्स बढ़त के साथ खुले, जबकि 41 स्टॉक्स में गिरावट दर्ज की गई। महिंद्रा एंड महिंद्रा, सिप्ला, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक जैसे स्टॉक्स बढ़त में रहे, जबकि सन फार्मा, बजाज ऑटो, इंफोसिस और अदाणी पोर्ट्स जैसे प्रमुख शेयरों में गिरावट देखी गई।
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सोमवार को इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्प, आईआरसीटीसी, एक्साइड इंडस्ट्रीज, रेमंड, सुंदरम फाइनेंस और एबीबी इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियां वित्त वर्ष 2025 के लिए अपनी दूसरी तिमाही के परिणामों की घोषणा करेंगी, जिस पर निवेशकों की नजरें टिकी हुई हैं। दूसरी ओर, एशियाई बाजारों में मिला-जुला रुख देखा गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक 1.49% बढ़त के साथ बंद हुआ। हालांकि, जापान का निक्केई सांस्कृतिक अवकाश के चलते बंद था, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग 0.16% की मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ और ताइवान वेटेड में भी 0.23% की बढ़त दर्ज की गई।
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली का असर भी देखा गया, जिससे बाजार की धारणा कमजोर हुई। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 211.93 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। अक्टूबर के महीने में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से करीब 94,000 करोड़ रुपये निकाले, जो कि भारतीय बाजार के इतिहास में एक महीने में सबसे अधिक निकासी है। ऐसा मुख्य रूप से भारतीय शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन और चीनी शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन के कारण हुआ।
इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.49% बढ़कर 74.19 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। घरेलू और वैश्विक कारकों के चलते निवेशक बाजार को लेकर सतर्क बने हुए हैं। भारतीय बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी प्रमुख कंपनियों के परिणाम और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के साथ फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों के फैसले से पहले निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं।
1 नवंबर को दिवाली के अवसर पर बीएसई और एनएसई ने एक घंटे का विशेष ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ सत्र आयोजित किया, जो नए संवत 2081 की शुरुआत का प्रतीक था। विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग में बीएसई का सेंसेक्स इंडेक्स 335.06 अंक या 0.42% बढ़कर 79,724.12 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 99 अंक या 0.41% बढ़कर 24,304.35 पर बंद हुआ। हालांकि, इस सकारात्मक शुरुआत के बाद भी सोमवार को भारतीय बाजार में बिकवाली का रुख देखने को मिला, जिससे बाजार में निवेशकों की चिंता बढ़ी हुई है।