Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल कंवलजीत अरोड़ा ने हाल ही में 250 से अधिक जजों के ट्रांसफर का आदेश जारी किया है जो कि तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। यह आदेश एक 25 पेज और एक 4 पेज की दो अलग-अलग सूचियों के रूप में जारी किया गया है। इन ट्रांसफरों में 256 जजों और न्यायिक अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है, जिनमें से 50 से अधिक न्यायिक अधिकारी हाल ही में दिल्ली न्यायिक सेवा में चयनित होकर अपने प्रशिक्षण को पूरा करके आए हैं।
दिल्ली न्यायिक सेवा में 233 और दिल्ली उच्चतर न्यायिक सेवा में 23 न्यायिक अधिकारियों के ट्रांसफर की बात की गई है। यह निर्णय न्यायिक सेवा में प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इनमें कुछ प्रमुख जजों का भी स्थानांतरण शामिल है, जिनमें वो जज भी शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह से संबंधित मामलों की सुनवाई की थी।
ट्रांसफर की सूची के अनुसार, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जितेंद्र सिंह को राऊज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। यह अदालत विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल के सेवानिवृत्त होने के बाद से खाली थी। जितेंद्र सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विधायक अमानतुल्लाह खान के मामलों की सुनवाई की थी।
इसके अतिरिक्त, पोक्सो कोर्ट की विशेष न्यायाधीश छवि कपूर का ट्रांसफर भी राऊज एवेन्यू कोर्ट में किया गया है। उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग महिला पहलवान द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप को वापस लेने के मामले में सुनवाई की थी। अब उन्हें बृजभूषण शरण सिंह के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट पर भी सुनवाई करनी होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) और लोकायुक्त में अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर गए जजों को भी वापस भेज दिया है। इसके अलावा, कई मजिस्ट्रेटों को रिक्त और नई अदालतों में स्थानांतरित किया गया है। दिल्ली में कुल 7 कोर्ट परिसर हैं, जिनमें 11 जिलों के जिला न्यायालय संचालित होते हैं। इनमें कड़कड़डूमा, साकेत, पटियाला हाउस, रोहिणी, द्वारका, राउज एवेन्यू और तीस हजारी कोर्ट परिसर शामिल हैं।
इस प्रकार, यह ट्रांसफर प्रक्रिया समय-समय पर चलती रहती है और यह सुनिश्चित करती है कि न्यायालयों में कामकाज सुचारु रूप से चलता रहे। जजों का स्थानांतरण न्यायिक प्रशासन की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो न केवल न्यायिक अधिकारियों के लिए नए अनुभव और अवसर प्रदान करती है, बल्कि न्याय प्रणाली की दक्षता और प्रभावशीलता को भी बढ़ाती है।
हालांकि इस बार के ट्रांसफर में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं, जिससे न्यायालयों में कार्यरत जजों के बीच नए समीकरण स्थापित होंगे। यह कदम न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने में मदद करेगा, क्योंकि विभिन्न जज अलग-अलग मामलों को देखने और न्याय देने में अपनी विशेषज्ञता लाएंगे। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि न्यायालयों में कार्यभार को बेहतर तरीके से संभालने और कानूनी प्रक्रियाओं में गति लाने में मदद मिलेगी।
इस बड़े पैमाने पर हुए ट्रांसफरों से दिल्ली न्यायिक सेवा में एक नया मोड़ आ सकता है, जिसमें जज और न्यायिक अधिकारी नए विचारों और दृष्टिकोण के साथ अपने कार्यों को अंजाम देंगे। यह न्यायिक प्रणाली की मजबूती और सुधार के लिए एक सकारात्मक संकेत है।