51st chief justice of India: भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 को समाप्त होने जा रहा है और अपने स्थान पर उन्होंने जस्टिस संजीव खन्ना को उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है। CJI चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि जस्टिस खन्ना अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बनें।
जस्टिस खन्ना का नाम आगे बढ़ाकर CJI ने भारत के संवैधानिक ढांचे के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक नेतृत्व के लिए प्रक्रिया का पालन किया है। मोदी सरकार को भेजे गए इस प्रस्ताव के बाद, अगर नियुक्ति मंजूर होती है, तो जस्टिस खन्ना जल्द ही देश के 51वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना, जिन्हें हाल ही में वर्तमान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा अपना उत्तराधिकारी नामित किया गया है, भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बनने की संभावना में हैं। अगर केंद्र सरकार इस सिफारिश को स्वीकार कर लेती है, तो जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक, लगभग सात महीने का होगा। जस्टिस खन्ना ने अपने कानून करियर की शुरुआत दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई के बाद 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में की थी।
प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत
14 मई 1960 को जन्मे जस्टिस खन्ना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने तीस हजारी कोर्ट से लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की। 2005 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया, और अगले ही साल स्थायी जज पद पर पदोन्नत किया गया। उन्होंने 14 वर्षों तक दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी सेवाएं दीं।
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सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति | 51st chief justice of India
18 जनवरी 2019 को, जस्टिस खन्ना को दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया। वे उन चुनिंदा न्यायाधीशों में से हैं जिन्हें बिना किसी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने सीधे सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया। सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अहम फैसलों में भाग लिया और न्यायिक जगत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस खन्ना ने सामाजिक और संवैधानिक मामलों पर महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं। उनका कार्यकाल व्यापक विषयों पर न्यायिक हस्तक्षेप से जुड़ा हुआ रहा है, जिसमें मानवीय अधिकारों की सुरक्षा से लेकर आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार शामिल है। सुप्रीम कोर्ट में उनकी प्राथमिकताओं में न्यायपालिका की प्रभावशीलता और पारदर्शिता को बढ़ाना शामिल है।
संजीव खन्ना | 51st chief justice of India
जस्टिस खन्ना ने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में सेवा दी। इस दौरान उन्होंने कानूनी सेवाओं में सुधार और प्रभावशीलता लाने की दिशा में कई प्रयास किए। इसके अतिरिक्त वे इस समय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं।
मुख्य न्यायाधीश के रूप में संभावित कार्यकाल
यदि केंद्र सरकार द्वारा उनकी सिफारिश को स्वीकृति मिलती है, तो जस्टिस खन्ना 10 नवंबर 2024 को डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस खन्ना का कार्यकाल अपेक्षाकृत छोटा, लगभग सात महीनों का होगा, जो 13 मई 2025 तक रहेगा। इस संक्षिप्त अवधि में उनसे न्यायिक सुधारों और पारदर्शिता को लेकर उनकी प्रतिबद्धता जारी रखने की अपेक्षा है।
मुख्य न्यायाधीश के रूप में संभावित प्राथमिकताएँ
अपने अनुभव और कार्यप्रणाली के आधार पर, जस्टिस खन्ना का मुख्य न्यायाधीश के रूप में फोकस ज्यूडिशियल सिस्टम की पारदर्शिता, आपराधिक मामलों में निष्पक्षता, और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के अधिकारों की रक्षा पर रहेगा। उनकी न्यायिक सोच को देखते हुए यह माना जा रहा है कि वे न्यायपालिका में सुधार, केस बैकलॉग्स कम करने और न्याय प्रक्रिया को अधिक सुलभ और सरल बनाने की दिशा में सक्रिय रहेंगे।
कुल मिलाकर, जस्टिस खन्ना का मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल भले ही छोटा हो, लेकिन उनकी न्यायिक सोच और अनुभव से यह उम्मीद की जा रही है कि वे भारत की न्यायपालिका को एक नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाएंगे।