Sunday, November 24, 2024
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Lawrence Bishnoi Gang: 11 राज्यों तक फैला है लॉरेंश बिश्नोई गैंग का साम्राज्य, जानिए कैसे होती है युवाओं की भर्ती

Lawrence Bishnoi Gang: लॉरेंस बिश्नोई गैंग पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद से चर्चा में है। वर्तमान में मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या मामल में भी इस गैंग का नाम सामने आ रहा है। रिपोर्टस की माने तो इस गैंग के तार भारत के 11 राज्यों और दुनिया के अन्य 6 अन्य देशों तक फैले हुए है। रिपोर्ट में कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग में 700 से अधिक शूटर शामिल हैं, जो अपराध की दुनिया में कदम रखने के इच्छुक युवाओं को अपने जाल में फंसा रहे हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आखिर कुछ युवा कैसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित होते हैं और कैसे उनकी भर्ती की जाती है।

Lawrence Bishnoi Gang:

गैंग में युवाओं की बढ़ती दिलचस्पी का कारण 

रिपोर्टस में कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग में अधिकतर युवा गरीब परिवारों से आते हैं जिन्हें जल्दी पैसा कमाने की चाह होती है। उन्हें विदेश में बसने का सपना दिखाकर गैंग में शामिल किया जाता है। इसके अलावा कुछ मामलों में युवाओं को गैंग के सदस्यों द्वारा धमकाया भी जाता है। युवा खुद को शक्तिशाली और प्रभावशाली दिखाने के लिए गैंग में शामिल हो जाते हैं।

गौरतलब है कि लॉरेंस बिश्नोई का नाम पहली बार तब चर्चा में आया जब पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इसके गैंग का हाथ सामने आया। बिश्नोई फिलहाल अहमदाबाद जेल में बंद है लेकिन इसके गुर्गे उसके निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं। इस गैंग के मुख्य सदस्य गोल्डी बराड़, काला जठेड़ी, रोहित गोदारा और भाई अनमोल बिश्नोई देश-विदेश में इसका साम्राज्य बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

सोशल मीडिया का प्रयोग | Lawrence Bishnoi Gang

रिपोर्टस में दावा किया गया है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग सोशल मीडिया पर अपने शूटरों को हायर करने के लिए पेज और ग्रुप बनाता है। खासकर इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर युवाओं को टारगेट किया जाता है। किसी भी पोस्ट पर लाइक या कमेंट करने वाले युवाओं को गैंग के सदस्य संपर्क करते हैं और उनकी पृष्ठभूमि जांचने के बाद उन्हें गैंग में शामिल करते हैं। इसके अलावा जेल में बंद सदस्यों की सिफारिश पर भी कई युवाओं को भर्ती किया जाता है।

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गरीबी और विदेश में बसने की लालसा Lawrence Bishnoi Gang

साथ ही बताया जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई के गैंग में अधिकांश युवा गरीब और कम पढ़े-लिखे होते हैं। विदेश में बसने की लालसा और कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की चाह में ये गैंग के जाल में फंस जाते हैं। लॉरेंस गैंग उन्हें बड़ी रकम और प्रतिष्ठा का लालच देता है। युवाओं का आकर्षण इस तथ्य से भी बढ़ता है कि गैंग का नाम ही खौफ का पर्याय बन चुका है और इसका हिस्सा बनने से उन्हें दबंगई का एक खास अनुभव मिलता है।

विवशता और भय का फायदा उठाना

रिपोर्टस की माने तो की बार गैंग के सदस्य युवाओं को धमका कर गैंग में शामिल करते हैं। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बड़े सदस्य अपनी प्रतिष्ठा और दबदबे का इस्तेमाल कर युवाओं को मानसिक रूप से कमजोर कर देते हैं। मजबूरी में या डर के कारण ये युवक अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं और गैंग का हिस्सा बन जाते हैं। इनकी कम उम्र और अपरिपक्वता का फायदा उठाकर इन्हें गैंग में शामिल किया जाता है।

वारदात के लिए विशेष तैयारी

रिपोर्ट में कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग वारदात को अंजाम देने के लिए शूटरों की लिस्ट तैयार करता है और उन्हें विभिन्न संसाधनों से जोड़ता है। वारदात से पहले शूटरों को हथियार, वाहन, और अन्य आवश्यक संसाधन दिए जाते हैं। हथियार सप्लाई करने वाले व्यक्ति से एक निश्चित समय और स्थान पर मुलाकात कर उन्हें हथियार दिए जाते हैं। इन शूटरों को सख्त निर्देश दिए जाते हैं कि वारदात के बाद हथियार किसे लौटाना है। विदेशी ऑटोमेटिक पिस्टल और अन्य हथियारों का उपयोग करके वारदात को अंजाम दिया जाता है।

अपराध की दुनिया में बढ़ती लहर

एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने 300 से अधिक शूटर अकेले पंजाब से हायर किए हैं जबकि बाकी शूटर यूपी, बिहार, हरियाणा और अन्य राज्यों से हैं। गैंग का ‘जय बलकारी’ नारा इसे और अधिक प्रतिष्ठित और भयभीत करने वाला बनाता है। लॉरेंस बिश्नोई ने जेल में रहते हुए भी अपनी गैंग को सफलतापूर्वक संचालित किया है।

अपराध की राह पर युवा 

बताया जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हिस्सा बनने वाले युवा कम उम्र के होते हैं। 18 से 25 साल के युवाओं को गैंग में सबसे ज्यादा टारगेट किया जाता है। कुछ युवक लॉरेंस बिश्नोई के नाम से प्रभावित होकर गैंग में शामिल होते हैं और अपने गांवों में दबंगई दिखाने का प्रयास करते हैं। दूसरी ओर, कुछ युवक अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए गैंग का हिस्सा बन जाते हैं।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग की कामयाबी में सबसे बड़ा योगदान युवाओं का है जो आर्थिक मजबूरी, विदेश में बसने की लालसा और दबंगई के शौक में इस गैंग का हिस्सा बन रहे हैं। गरीबी और बेरोजगारी से जूझते हुए ये युवा अपराध की दुनिया में प्रवेश कर जाते हैं। लॉरेंस और उसके गुर्गों द्वारा सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर इन युवाओं का शोषण किया जा रहा है।

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