Sunday, November 17, 2024
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Vande Bharat Train : विदेशों में वंदे भारत ट्रेन की बढ़ी मांग, गति और प्रदर्शन में बुलेट ट्रेन से बेहतर

Vande Bharat Train : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया’ नीति ने भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य भारत में निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देना और देश को आत्मनिर्भर बनाना है।

इस दिशा में कई सफल परियोजनाओं को लागू किया गया है, जिनमें तेजस फाइटर और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी उपलब्धियां शामिल हैं। जहां तेजस फाइटर ने रक्षा क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई, वहीं वंदे भारत एक्सप्रेस ने भारतीय रेलवे के क्षेत्र में क्रांति ला दी है।

वंदे भारत ट्रेन की वैश्विक लोकप्रियता | Vande Bharat Train

वंदे भारत एक्सप्रेस न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में भी चर्चा का विषय बन चुकी है। हाल के दिनों में चिली, कनाडा और मलयेशिया जैसे देशों ने वंदे भारत ट्रेन को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। इसका सबसे बड़ा कारण वंदे भारत की प्रतिस्पर्धी लागत और अद्वितीय विशेषताएं हैं, जो इसे अन्य देशों द्वारा निर्मित ट्रेनों की तुलना में अधिक आकर्षक बनाती हैं।

जहां अन्य देशों की ट्रेनों की निर्माण लागत 160-180 करोड़ रुपये के बीच होती है, वहीं वंदे भारत ट्रेन की निर्माण लागत केवल 120-130 करोड़ रुपये है। यह आर्थिक पहलू वंदे भारत को वैश्विक बाजार में बेहद प्रतिस्पर्धी बनाता है।

गति और प्रदर्शन में बुलेट ट्रेन से बेहतर

वंदे भारत एक्सप्रेस की एक और बड़ी खासियत इसकी तेज गति है। यह ट्रेन केवल 52 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की गति पकड़ सकती है, जो कि जापान की बुलेट ट्रेन से भी तेज है। बुलेट ट्रेन को 0 से 100 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने में 54 सेकंड का समय लगता है। इस तथ्य ने वंदे भारत को गति के मामले में दुनिया की सबसे तेज ट्रेनों में शुमार कर दिया है। इसके अलावा, यह ट्रेन शोर कम करने की तकनीक में भी उत्कृष्ट है। यात्रियों को वंदे भारत में विमान की तुलना में सौ गुना कम शोर का अनुभव होता है, जिससे यात्रा का अनुभव और भी आरामदायक हो जाता है।

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ऊर्जा दक्षता और सुरक्षा

वंदे भारत ट्रेन न केवल गति और शोर के मामले में बेहतर है, बल्कि यह ऊर्जा खपत में भी कमाल की है। यह ट्रेन बहुत कम ऊर्जा की खपत करती है, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाती है। ऐसे समय में जब पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा की बचत महत्वपूर्ण मुद्दे बन चुके हैं, वंदे भारत इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सुरक्षा के मामले में भारतीय रेलवे ने भी एक बड़ा कदम उठाया है। ‘कवच’ नामक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली को देशभर के रेलवे नेटवर्क में लागू किया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, कवच प्रणाली देश के 40000 किलोमीटर ट्रैक नेटवर्क को कवर करेगी और 10000 लोकोमोटिव में इसे स्थापित किया जाएगा।

यह प्रणाली एसआईएल-4 (सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल-4) प्रमाणित है और दुर्घटनाओं में 80% तक कमी ला सकती है। कवच प्रणाली के तहत अब तक 632 किलोमीटर में इसे मथुरा-पलवल और मथुरा-नागदा सेक्शन्स में लगाया जा चुका है, जबकि कोटा-सवाई माधोपुर सेक्शन में 108 किलोमीटर में इसे लागू किया गया है। यह प्रणाली न केवल भारतीय रेलवे को अधिक सुरक्षित बनाएगी, बल्कि विदेशों में रेलवे सुरक्षा मानकों में भी नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।

भारतीय रेलवे का विस्तार और भविष्य

वंदे भारत एक्सप्रेस की सफलता के साथ ही भारतीय रेलवे अपने ट्रैक नेटवर्क का विस्तार भी कर रहा है। पिछले 10 वर्षों में 31,000 किलोमीटर से अधिक ट्रैक जोड़े गए हैं, और इस संख्या को 40,000 किलोमीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, बुलेट ट्रेन परियोजना भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जिससे भारत के रेलवे सिस्टम में और सुधार होने की उम्मीद है।

रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे वंदे भारत जैसी और अधिक ट्रेनों को जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न रूट्स पर इसकी बढ़ती मांग के कारण रेलवे जल्द ही और अधिक वंदे भारत ट्रेनों को शामिल करने की योजना बना रहा है। यह ट्रेनों का विस्तार भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जिससे यात्री सुविधाओं में सुधार होगा और यात्रा के समय में भी कमी आएगी।

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वैश्विक बाजार में भारत की बढ़ती पकड़

भारत की वंदे भारत ट्रेन की वैश्विक मांग यह दर्शाती है कि मेक इन इंडिया नीति के तहत निर्मित उत्पाद न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं। चिली, कनाडा, और मलयेशिया जैसे देशों का इसमें दिलचस्पी दिखाना भारतीय रेलवे की तकनीकी और नवाचार की क्षमता को प्रमाणित करता है।

इसके अलावा, वंदे भारत एक्सप्रेस ने न केवल ट्रेन निर्माण में बल्कि रेलवे सुरक्षा, ऊर्जा दक्षता और यात्री सुविधा के क्षेत्रों में भी नए मानक स्थापित किए हैं। ये पहल भारत को एक तकनीकी नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद कर रही हैं, जिससे देश की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है।

वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की ‘मेक इन इंडिया’ नीति का एक सफल उदाहरण है, जिसने न केवल भारतीय रेलवे को एक नई दिशा दी है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसे एक नई पहचान दिलाई है। कम लागत, तेज गति, और उच्च स्तरीय यात्री सुविधाओं के साथ, यह ट्रेन भविष्य में दुनिया भर के देशों के लिए एक मॉडल बन सकती है।

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