Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देशभर में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इस विधेयक के प्रावधानों पर गहरे मतभेद और आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। संसद की संयुक्त समिति द्वारा विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ की गई बैठक में यह आशंका जाहिर की गई कि यदि यह कानून लागू हो जाता है, तो देशभर में स्थित दरगाहों, मस्जिदों, कब्रिस्तानों और मदरसों पर सरकार का कब्जा हो सकता है।
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Toggleमुस्लिमों को गुमराह करने का आरोप
सूत्रों के अनुसार, संसद की संयुक्त समिति ने इन सभी आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि बिल के मौजूदा स्वरूप में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो मस्जिद, दरगाह, कब्रिस्तान या मदरसों को सरकार के अधीन लाने का प्रयास कर रहा हो। समिति का कहना है कि कुछ तत्व इस विधेयक के बारे में गलतफहमियां फैला रहे हैं, जिससे मुस्लिम समुदाय को गुमराह किया जा रहा है।
समिति के अनुसार, बिल में केवल वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य करने का प्रावधान है। इसका उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि कौन सी संपत्ति वक्फ के अंतर्गत आती है और कौन सी नहीं। समिति ने इस बात पर भी जोर दिया कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से पारदर्शिता बढ़ेगी और इससे उनका दुरुपयोग रोका जा सकेगा।
स्टेकहोल्डर्स की चिंताएं और सुझाव | Waqf Amendment Bill
देशभर से इस विधेयक के संबंध में समिति को करोड़ों सुझाव प्राप्त हुए हैं। इनमें से कई सुझावों में इस बात की आशंका जताई गई है कि यह विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला हो सकता है। ऐसे में समिति के सामने यह चुनौती है कि वह जनता के बीच इस विधेयक के बारे में फैल रहे भ्रम और दुष्प्रचार को खत्म कर सके।
जाकिर नाइक का भड़काऊ बयान | Waqf Amendment Bill
विधेयक पर विवाद उस समय और बढ़ गया जब भगोड़ा इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने इस पर भड़काऊ बयान दिया। नाइक ने एक वीडियो जारी कर भारत के मुस्लिमों से इस विधेयक का विरोध करने की अपील की। उसने इसे इस्लाम विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है।
नाइक ने अपने बयान में केंद्र सरकार पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप भी लगाया। उसने कहा कि अगर 50 लाख मुस्लिम इस विधेयक का विरोध करेंगे तो इसे रोका जा सकता है। नाइक के इस बयान को लेकर देशभर में आलोचना हुई और सरकार ने इसे भड़काऊ बताते हुए इसे मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने का प्रयास करार दिया।
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जारी विवाद में कई पक्ष और तर्क सामने आ रहे हैं। जहां सरकार और समिति इसे वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए आवश्यक मानती हैं, वहीं कुछ मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने इसे धार्मिक संपत्तियों पर नियंत्रण के प्रयास के रूप में देखा है। जनता के बीच विधेयक को लेकर चल रही गलतफहमियों को दूर करना सरकार और समिति के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।