Tambe Ke Bartan Ka Pani: पुराने समय में अधिकतर सभी लोगों के घर में तांबे के बर्तन होते थे। घर के बूढे लोग रात में तांबे के किसी लोटे या जग में पानी भरकर रख देते थे और सुबह उठकर उस पानी को पीते थे। कई लोग तो पानी पीने के लिए हमेशा तांबे के बर्तन का ही उपयोग करते थे। पुराने जमाने में फिल्टर और फ्रिज नहीं हुआ करते थे। तब सभी लोग ताजा पानी पीते थे। इस सबके बावजूद भी आज के समय की तुलना में उस समय लोग ज्यादा स्वस्थ रहते थे।
आज के समय में बहुत ही कम लोग हैं जो तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं। अधिकतर लोग तो जैसे तांबे का इस्तेमाल करना भूल ही गए हैं। जिस कारण लोगों के स्वास्थय में भी गिरावट आ गई है। ऐसी परिस्थिति में लोगों के लिए तांबे के गुण के बारे में जानना आवश्यक है। तो आज जानते हैं कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर किस तरह स्वस्थ रहता है।
तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे
तांबे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो इंफ्लेमेशन यानि इंफैक्शन फैलाने वाले जीवाणुओं को अपने संपर्क में आते ही नष्ट कर देती है। जिससे तांबे के बर्तन का पानी पीने से किसी भी तरह का जीवाणु शरीर में प्रवेश नहीं करता।
तांबे में हड्डियाँ मजबूत करने का गुण होता है इसलिए तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से हड्डियों से जुङी सभी बीमारीयाँ ठीक होती हैं। ऑस्टियो आर्थराइटिस, रुमेटाइड आर्थराइटिस और जोङों से जुङी सभी बीमारीयों में तांबे के बर्तन का पानी लाभ देता है।
कुछ लोगों को हमेशा पेट से जुङी समस्याएं रहती हैं। उनका पेट कभी ठीक से साफ नहीं होता। पेट की बीमारी वाले लोग रात में तांबे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह उठकर उस पानी को पिएं। इससे पेट से जुङी सभी बीमारीयाँ ठीक होती है। सुबह-सुबह पेट अच्छे से साफ होता है और गैस, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
माना जाता है कि तांबे के बर्तन में अगर 8-9 घंटे तक पानी भरकर रखा रहता है तो उस पानी में तांबे के कुछ गुण घुलकर मिल जाते हैं। उस पानी को पीने से शरीर में होने वाली कॉपर की कमी पूरी होती है।
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तांबे में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो बढती उम्र के साथ त्वचा पर आने वाली काले धब्बे, झुर्रियाँ और बारीक लाइनों को समय से पहले आने से रोकता है।
शरीर में आयरन की कमी से होने वाले रोग को एनीमिया कहते हैं। तांबे के अंदर भोजन में उपस्थित आयरन को सोखने की क्षमता होती है। यही कारण है कि एनीमिया के रोगी को तांबे के बर्तन में पानी पीना चाहिए ताकि इससे उसके शरीर में आयरन की कमी पूरी हो सके।
आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में बीमारी पैदा करने के लिए तीन दोष जिम्मेदार होते हैं। इन तीन दोषों को वात, पित्त और कफ के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद के कई चिकित्सकों का ऐसा मानना है कि तांबे में शरीर के इन तीन दोषों को दूर करने की शक्ति होती है।
तांबे के बर्तन में पानी पीना हृदय यानि दिल के लिए काफी लाभदायक होता है। हृदय के स्वस्थ रहने से हृदय से जुङी बीमारीयाँ जैसे बैड कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है।