Friday, September 20, 2024
MGU Meghalaya
HomeसमाजInter - Caste Marriage: बिहार और यूपी में अंतरजातीय विवाह करने वालों...

Inter – Caste Marriage: बिहार और यूपी में अंतरजातीय विवाह करने वालों को मिलते हैं 2.5 लाख रूपये, जानिए इस बारे में

Inter – Caste Marriage: भारतीय समाज में विवाह सिर्फ एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं होता, बल्कि यह सामाजिक, पारिवारिक और सांस्कृतिक प्रभावों से प्रभावित होता है। खासकर जब बात अंतरजातीय विवाह की हो, तो अधिकांश परिवारों में इसे लेकर विरोध और अस्वीकृति का सामना करना पड़ता है।

हालांकि समय के साथ, कुछ परिवारों में बदलाव जरूर देखने को मिल रहा है, लेकिन आज भी अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। समाज की इस रूढ़िवादी सोच को बदलने के लिए सरकार और कई गैर-सरकारी संस्थाएं निरंतर प्रयास कर रही हैं। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता योजना, जो अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को प्रोत्साहन प्रदान करती है।

क्या है अंतरजातीय विवाह योजना ?

यह योजना भारतीय समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने और अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन के अंतर्गत यह योजना लागू की गई है, जिसमें उन जोड़ों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है जो एक दलित और एक गैर-दलित समुदाय से होते हैं और अंतरजातीय विवाह करते हैं। इस योजना के अंतर्गत दंपति को 2.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे अपने नए जीवन की शुरुआत सुगमता से कर सकें।

Inter - Caste Marriage

योजना के अंतर्गत लाभ | Inter – Caste Marriage

इस योजना का मुख्य उद्देश्य सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना और जातिगत भेदभाव को समाप्त करना है। इसके अंतर्गत मिलने वाले प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

आर्थिक सहायता: अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को सरकार द्वारा ₹2.5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता राशि उन दंपतियों को दी जाती है जिन्होंने सामाजिक रूढ़ियों के खिलाफ जाकर शादी की है। विवाहित जोड़ों को सरकार पहले 125000 की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करती हैं। बाकि का 125000 की राशि जोड़ों को उनके विवाह के 3 साल के बाद दिया जाता हैं। ये राशि विवाहित जोड़ो के जॉइंट खाता में दिया जाता हैं।

सामाजिक समर्थन: इस योजना के माध्यम से सरकार यह संदेश देना चाहती है कि जातिगत भेदभाव समाप्त किया जाना चाहिए और अंतरजातीय विवाहों को समाज में समान अधिकार और समर्थन मिलना चाहिए।

भविष्य निर्माण में सहायता: इस आर्थिक सहायता का उद्देश्य दंपति को विवाह के बाद एक स्थिर आर्थिक आधार प्रदान करना है, जिससे वे अपने भविष्य का निर्माण कर सकें।

योजना का लाभ लेने की शर्तें और पात्रता Inter – Caste Marriage

इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें और पात्रताएँ निर्धारित की गई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है:

जातीय स्थिति: दूल्हा या दुल्हन में से एक दलित समुदाय से होना चाहिए और दूसरा गैर-दलित होना चाहिए।

शादी हिंदू मैरिज एक्ट 1995 के अंतर्गत रजिस्टर होनी चाहिए।

रजिस्ट्रेशन के लिए एक हलफनामा भी प्रस्तुत करना होता है।

समय सीमा:

शादी होने के एक साल के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने पर आवेदन अस्वीकार कर दिया जाता है।

यह आर्थिक सहायता केवल उन्हीं दंपतियों को मिलती है जिन्होंने पहली बार विवाह किया हो। यदि दंपति में से किसी ने दूसरी या इससे अधिक बार शादी की है, तो वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।

आर्थिक सहायता की शर्तें:

आर्थिक सहायता केवल तब प्रदान की जाती है जब शादी वैध रूप से पंजीकृत हो और सभी शर्तों का पालन किया गया हो।

Inter - Caste Marriage

आवेदन प्रक्रिया

यदि आपने अंतरजातीय विवाह किया है और आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:

आवेदन फॉर्म: सबसे पहले, आपको डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन की वेबसाइट से आवेदन फॉर्म डाउनलोड करना होगा। यह वेबसाइट है: ambedkarfoundation.nic.in। यहां से आपको विस्तृत जानकारी और आवेदन फॉर्म प्राप्त हो जाएगा।

दस्तावेज़ों की पूर्ति

आवेदन करते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी, जिनमें:

शादी का पंजीकरण प्रमाण पत्र (हिंदू मैरिज एक्ट के तहत),

दोनों व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र,

आय प्रमाण पत्र (यदि लागू हो),

और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ शामिल हैं।

आवेदन की समय सीमा: ध्यान रखें कि आपको शादी के एक साल के भीतर ही आवेदन करना होगा। विलंब से किए गए आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।

योजना के लाभ का सामाजिक प्रभाव

इस योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता प्रदान करना नहीं है, बल्कि जातिगत भेदभाव को समाप्त करना और समाज में एकता और समानता को बढ़ावा देना भी है। यह योजना न केवल अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करती है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच समरसता और भाईचारे को भी मजबूत करती है।

योजना के माध्यम से

अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़े खुद को समाज में सुरक्षित और समर्थ महसूस कर सकते हैं।

इस प्रकार के विवाहों से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को कम किया जा सकता है।

जातिगत भेदभाव के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाई जा सकती है, जिससे भविष्य में इस प्रकार की शादियों को अधिक स्वीकार्यता मिलेगी।

डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन की यह योजना उन दंपतियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो जाति की सीमाओं को पार कर अपने साथी को चुनते हैं। यह योजना न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सहारा देती है, बल्कि उन्हें समाज में मान्यता और सम्मान भी दिलाने का प्रयास करती है। यदि आप या आपके परिवार में कोई इस योजना के पात्र हैं, तो इसका लाभ जरूर उठाएं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान दें।

- Advertisment -
Most Popular