Rajasthan Transfer Posting: राजस्थान सरकार ने हाल ही में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल किया है, जिसमें 108 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है। इस फेरबदल में अधिकारियों को नई जिम्मेदारियों के साथ-साथ कई को अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है। यह तबादला राज्य में प्रशासनिक संरचना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से किया गया है। इस बदलाव में 2016 बैच की आईएएस अधिकारी टीना डाबी और उनके पति प्रदीप के. गवांडे को विशेष रूप से प्रमुख जिम्मेदारियाँ दी गई हैं, जो चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है।
बाड़मेर की कलेक्टर बनीं टीना डाबी
टीना डाबी, जो वर्ष 2016 में आईएएस बनीं और अपनी उपलब्धियों के कारण चर्चा में रहीं, अब बाड़मेर जिले की नई जिला कलेक्टर और मजिस्ट्रेट नियुक्त की गई हैं। इससे पहले टीना डाबी के पास महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) के तहत कार्य करने वाले रोजगार गारंटी योजना (EGS) के आयुक्त का पद था। उनके नेतृत्व में बाड़मेर जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारने की अपेक्षा की जा रही है। बाड़मेर जिला राजस्थान का एक महत्वपूर्ण जिला है, जो अपनी भौगोलिक स्थिति और सामरिक महत्व के कारण प्रशासनिक दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण है।
प्रदीप गवांडे बने जालोर के कलेक्टर Rajasthan Transfer Posting
टीना डाबी के पति प्रदीप के. गवांडे को जालोर जिले का कलेक्टर और मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। प्रदीप गवांडे, जो कि एक डॉक्टर से आईएएस बने हैं, ने अपनी कड़ी मेहनत और अनुभव के आधार पर यह महत्वपूर्ण पद हासिल किया है। जालोर जिला भी अपने सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, जहां प्रशासनिक दक्षता की आवश्यकता होती है। इस फेरबदल के तहत प्रदीप गवांडे को जालोर जिले के विकास और प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास, कृषि और ग्रामीण विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने की उम्मीद की जा रही है।
जयपुर के नए कलेक्टर जितेंद्र सोनी
जयपुर, राजस्थान की राजधानी और एक प्रमुख प्रशासनिक केंद्र है। इस बार जयपुर के कलेक्टर के रूप में आईएएस अधिकारी जितेंद्र कुमार सोनी को नियुक्त किया गया है। जयपुर का प्रशासनिक प्रबंधन एक बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि यह शहर राज्य की राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र है। जितेंद्र सोनी ने पहले विभिन्न जिलों में उत्कृष्ट सेवाएं दी हैं, और अब जयपुर में उनकी नियुक्ति से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार की उम्मीद की जा रही है। जयपुर में उनके कार्यकाल के दौरान शहर के विकास, यातायात प्रबंधन, और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आने वाली योजनाओं को गति देने की संभावना है।
ये भी पढ़ें : Supreme Court : बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट में सुुनवाई और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियाँ
अन्य प्रमुख तबादले
इस फेरबदल में राज्य के कई अन्य प्रमुख जिलों में भी आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। उदाहरण के लिए, हरिमोहन मीणा को डीग जिले का कलेक्टर बनाया गया है, जबकि राम अवतार मीणा को झुंझुनू जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये दोनों जिले भी प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं और वहां पर प्रभावी प्रशासनिक प्रबंधन की आवश्यकता है। इसी तरह, पुष्पा सत्यानी को टीना डाबी के स्थान पर EGS का आयुक्त नियुक्त किया गया है।
अजमेर की जिम्मेदारी लोक बंधु को
आईएएस अधिकारी लोक बंधु को अजमेर जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। अजमेर एक धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर है, जहाँ प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में प्रशासनिक प्रबंधन की चुनौतियाँ बढ़ जाती हैं। लोक बंधु के कार्यकाल में अजमेर में बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने की संभावनाएँ हैं।
ये भी पझ
अन्य जिलों में भी महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ
इसके अलावा, सीकर जिले का कलेक्टर मुकुल शर्मा को बनाया गया है, जबकि शुभम चौधरी को राजसमंद जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आशीष मोदी को चूरू जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। ये जिले भी अपनी भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता के कारण प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इनके अलावा, किशोर कुमार को खैरथल-तिजारा, डॉ. मंजू को श्रीगंगानगर, और अर्तिका शुक्ला को अलवर जिले का कलेक्टर बनाया गया है। इन अधिकारियों की नियुक्ति से इन जिलों में विकास और प्रशासनिक सुधार की उम्मीदें जताई जा रही हैं।
प्रशासनिक फेरबदल का उद्देश्य
यह बड़ा प्रशासनिक फेरबदल राज्य की प्रशासनिक संरचना को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किया गया है। राजस्थान सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में अनुभवी और कुशल आईएएस अधिकारी नियुक्त किए जाएँ, ताकि विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके और जनता को बेहतर सेवाएँ प्रदान की जा सकें। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां पर विकास की गति धीमी होती है, वहां पर इन अधिकारियों की नियुक्ति से सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद की जा रही है।
इसके साथ ही, सरकार ने कुछ अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा है, जिससे उनके अनुभव का और अधिक लाभ उठाया जा सके। उदाहरण के लिए, पर्यटन विभाग में आईएएस विजय पाल सिंह को आयुक्त बनाया गया है, जो कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। राजस्थान का पर्यटन विभाग देशभर में प्रसिद्ध है, और इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है।