Monday, September 23, 2024
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Uttar Pradesh में संपत्ति डिटेल मामले में 2.45 लाख सरकारी कर्मचारियों को दिया गया एक और मौका

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के 2.45 लाख सरकारी कर्मचारियों को योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है। हाल ही में जारी एक निर्देश के अनुसार, कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करने के लिए एक और महीने का समय दिया गया है। पहले की निर्धारित अंतिम तिथि 31 अगस्त 2024 थी, जिसे अब बढ़ाकर 30 सितंबर 2024 कर दिया गया है। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिन्होंने अभी तक अपनी संपत्ति का विवरण नहीं प्रस्तुत किया है।

इस राहत का मुख्य कारण यह है कि अभी तक 74% सरकारी कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का विवरण जमा कर दिया है, जबकि शेष 26% कर्मचारियों को अब अतिरिक्त समय मिलेगा। पहले की समयसीमा के अनुसार, जिन कर्मचारियों ने संपत्ति का विवरण समय पर प्रस्तुत नहीं किया था, उनकी अगस्त माह की सैलरी रोक दी गई थी।

यूपी पुलिल ने विवरण अपलोड के लिए मांगा समय

उत्तर प्रदेश पुलिस के मुख्यालय ने भी इस संबंध में विशेष ध्यान आकर्षित किया। डीजीपी मुख्यालय ने एक पत्र भेजकर यह अनुरोध किया था कि पुलिसकर्मियों को संपत्ति विवरण अपलोड करने के लिए और समय दिया जाए। यह अनुरोध त्योहारों और पुलिस भर्ती परीक्षा के कारण समय पर विवरण प्रस्तुत करने में विफल रहने के आधार पर किया गया था।

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गृह विभाग ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए संपत्ति विवरण प्रस्तुत करने की समयसीमा एक महीने के लिए बढ़ा दी। यह कदम सरकारी कर्मचारियों को दिए गए एक महत्वपूर्ण अवसर को मान्यता देने का प्रतीक है, ताकि वे किसी भी प्रकार की लेट पेनल्टी के बिना अपनी संपत्ति की जानकारी जमा कर सकें।

क्या है इस निर्णय का उद्देश्य ?

इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी सरकारी कर्मचारी नियमों का पालन करें और अपनी संपत्ति का विवरण समय पर प्रस्तुत करें। इस प्रक्रिया के माध्यम से पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।

संपत्ति विवरण जमा करने की प्रक्रिया में इस देरी के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें त्योहारों की व्यस्तता, विभिन्न प्रशासनिक बाधाएँ और हाल की पुलिस भर्ती परीक्षा शामिल हैं। सरकार ने इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए समयसीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि सभी कर्मचारी बिना किसी अतिरिक्त दबाव के आवश्यक जानकारी प्रदान कर सकें।

इस तरह के प्रशासनिक कदम सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने और कर्मचारियों की समस्याओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह आशा की जाती है कि इस विस्तार के साथ, सभी संबंधित कर्मचारी समय पर अपनी संपत्ति की जानकारी प्रस्तुत करेंगे और किसी भी संभावित मुद्दे से बचेंगे।

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