Monday, September 23, 2024
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Uttar Pradesh : लखनऊ डिवीजन के 8 रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए, महापुरूषों के नाम पर रखा गया नाम

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का मुद्दा हाल के समय में काफी चर्चा में रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य न केवल स्थानीय धरोहरों और महापुरुषों का सम्मान करना है बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थलों को भी पहचान दिलाना है।

हाल ही में, उत्तर प्रदेश के लखनऊ डिवीजन के 8 रेलवे स्टेशनों के नाम बदल दिए गए हैं। इस बदलाव का प्रमुख उद्देश्य स्टेशन के नए नामों के माध्यम से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करना है। आइए विस्तार से जानें कि किन स्टेशनों के नाम बदले गए हैं और अब ये किस नाम से जाने जाएंगे।

कासिमपुर हॉल्ट अब जायस सिटी स्टेशन

कासिमपुर हॉल्ट का नाम अब जायस सिटी कर दिया गया है। यह बदलाव ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि जायस एक महत्वपूर्ण कस्बा है जो अमेठी जिले में स्थित है। जायस का ऐतिहासिक महत्व इस तथ्य से जुड़ा हुआ है कि यहाँ पर प्रसिद्ध सूफी संत और महान कवि मलिक मोहम्मद जायसी का जन्म हुआ था। जायसी ने प्रसिद्ध महाकाव्य ‘पद्मावत’ की रचना की थी, जो भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस स्टेशन का नाम बदलने से इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर को सम्मान मिला है।

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मिश्रौली अब मां कालिकन धाम स्टेशन | Uttar Pradesh 

मिश्रौली रेलवे स्टेशन का नाम अब मां कालिकन धाम स्टेशन कर दिया गया है। यह नाम अमेठी के संग्रामपुर ब्लॉक में स्थित प्रसिद्ध मां कालिकन धाम मंदिर से प्रेरित है। मां कालिकन धाम शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है, और इस मंदिर की मान्यताओं के अनुसार यहां स्थित कुंड में स्नान करने से नेत्रों से जुड़ी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इस नाम परिवर्तन से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने की संभावना है और भक्तों को इस स्थल से जुड़ने का एक और मौका मिलेगा।

जायस रेलवे स्टेशन अब गुरु गोरखनाथ स्टेशन | Uttar Pradesh 

जायस रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर गुरु गोरखनाथ स्टेशन कर दिया गया है। यह नाम उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित प्रसिद्ध गुरु गोरखनाथ मंदिर से प्रेरित है। गुरु गोरखनाथ नाथ संप्रदाय के पहले योगी थे और उनके अनुयायी उन्हें एक महान संत और शिक्षक मानते हैं। यह नाम परिवर्तन नाथ संप्रदाय के महत्व को उजागर करता है, और यह दिखाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को कितना महत्व देती है।

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अकबरगंज अब अहोरवा भवानी धाम स्टेशन

रायबरेली जिले में स्थित अकबरगंज रेलवे स्टेशन का नाम अब अहोरवा भवानी धाम कर दिया गया है। यह नाम अमेठी जिले के एक प्राचीन मंदिर से लिया गया है जिसे मां अहोरवा भवानी धाम कहा जाता है। इस मंदिर की स्थापना पांडवों द्वारा की गई थी, और इसे अत्यधिक श्रद्धा के साथ पूजा जाता है। इस बदलाव से भक्तों को इस मंदिर के महत्व का अहसास होगा और इस क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

फुरसतगंज अब तपेश्वर धाम स्टेशन

अमेठी जिले में स्थित फुरसतगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर तपेश्वर धाम कर दिया गया है। यह नाम भी धार्मिक महत्व से जुड़ा है और यह क्षेत्र के आध्यात्मिक इतिहास को सम्मानित करता है। तपेश्वर धाम नाम से स्टेशन का नाम बदलने से यहां के धार्मिक महत्व को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सकेगी।

बनी अब स्वामी परमहंस स्टेशन

बनी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर स्वामी परमहंस स्टेशन कर दिया गया है। स्वामी परमहंस एक महान संत और विचारक थे जिनका भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस नाम परिवर्तन से स्टेशन को एक धार्मिक और आध्यात्मिक पहचान मिलेगी, जो यात्रियों को स्वामी परमहंस के विचारों और शिक्षाओं के करीब ले जाएगा।

निहालगढ़ अब महाराजा बिजली पासी स्टेशन

निहालगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा बिजली पासी स्टेशन कर दिया गया है। महाराजा बिजली पासी एक प्रसिद्ध राजा थे, जिन्हें उनकी वीरता और न्यायप्रियता के लिए जाना जाता है। इस नाम परिवर्तन से भारतीय इतिहास के इस महानायक को श्रद्धांजलि दी गई है और लोगों को उनके योगदान के बारे में जागरूक किया गया है।

पारिसगंज हॉल्ट अब शहीद भाले सुल्तान स्टेशन

पारिसगंज हॉल्ट का नाम बदलकर शहीद भाले सुल्तान स्टेशन कर दिया गया है। शहीद भाले सुल्तान एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई बार लड़ाई लड़ी और उन्हें पराजित किया। इस नाम परिवर्तन से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इस नायक को सम्मानित किया गया है और उनके बलिदान को स्मरण किया गया है।

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