दिल्ली एमसीडी चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। 4 दिसंबर को चुनाव होने हैं और 7 दिसंबर को इसके नतीजे भी आ जाएंगे। वहीं, इन चुनावों को लेकर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अपनी-अपनी चुनावी जमीन तलाश रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के अघोषित उम्मीदवार अभी से बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर अपना प्रचार कर रहे हैं तो वहीं, बीजेपी के संभावित उम्मीदवार भी अपने-अपने क्षेत्रों में अपने वोट बैंक क रिझाने की पूरी कोशिश में लगे हैं।
इसी बीच बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसबार बीजेपी पूर्व काउंसलर को लेकर काफी गंभीर है। बीजेपी इसबार एमसीडी चुनाव में काफी सर्तकता के साथ तैयारी कर रही है।
इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि केन्द्र सरकार भी इस चुनाव को लेकर अपनी गंभीरता दिखा रही है औऱ गृह मंत्रालय ने इस बावत दिल्ली का नये सिरे से परिसीमन भी किया। आम आदमी पार्टी परिसीमन को लेकर बीजेपी पर हमलावर भी रही, लेकिन बीजेपी ने इस परिसीमन को राजधानी दिल्ली के विकास में अहम योगदान बताने वाला कहा। अब परिसीमन हो गया है कि दिल्ली की 272 सीट या यूं कहे एमसीडी के क्षेत्रों का नये सिरे से बंटवारा कर दिया गया है और अब नयी सीटों की संख्या 250 है। यानी अब एमसीडी चुनाव में सीटों की संख्या भी 250 है। ऐसे में दिल्ली में परिसीमन के बाद क्षेत्रों का एरिया बड़ा है। क्षेत्र के साथ वोटों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है। काउंसलर का क्षेत्र बड़ा होने से उसकी जिम्मेदारियां भी बढ़ेंगी।
बीजेपी के कई पूर्व काउंसर इस बात पर मुहर भी लगाते हैं कि क्षेत्र बढ़ने से जिम्मेदारियां बढ़ेंगी बेहतर होता क्षेत्र के मुकाबले जनसंख्या के आधार पर परिसीमन होता। अब जब परिसीमन हो चुका है बीजेपी के कुछ काउंसलर्स का ये भी कहना है कि दिल्ली का क्योंकि लगातार विकास हो रहा है और आबादी बढ़ रही है ऐसे में परिसीमन होना जरूरी था।
सीट कम हुईं हैं जिम्मेदारियों बढ़ेंगी लेकिन बढ़ सकता है भ्रष्टाचार
जी हां, बीजेपी जिस तरह से इस बार काउंसलर्स की टिकट को लेकर गंभीर है, और टिकट देने से पहले जिस तरह से सभी उम्मीदवारों की ग्राउंड रिपोर्ट मंगवाई गयी है। यह इस बात की तस्दीक करती है कि इस बार बीजेपी किसी भी तरह का रिस्क लेने के मूढ़ में नही है। बीजेपी आलाकमान को दिल्ली में काउंसलर्स द्वारा किये गए भ्रष्टाचारों की भी जानकारी है। ऐसे में इस बार भ्रष्टाचारी काउंसलर्स का टिकट तो कटेगा ही साथ ही जल्द ही कुछ अहम फैसले भी बीजेपी कर सकती है।
बहरहाल, ये तय माना जा सकता है कि इसबार एमसीडी चुनाव 2022 में बीजेपी ऐसे बहुत से पूर्व काउंसलर्स की टिकट काटेगी जिनका नाम किसी भी वजह से भ्रष्टाचार को लेकर उजागर हुआ हो। साथ ही ये भी तय है कि इसबार बीजेपी साफ सुथरे उम्मीदवारों को ही टिकट देगी।