Tax Saving Government Schemes : वित्तीय वर्ष के अंत में, करदाताओं के सामने टैक्स बचाने के विभिन्न विकल्प होते हैं। भारत सरकार द्वारा संचालित कई बचत योजनाएं न केवल आपके पैसे को सुरक्षित रखती हैं, बल्कि टैक्स बचाने में भी मदद करती हैं। इनमें प्रमुख योजनाएं हैं पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), और किसान विकास पत्र (KVP)। आइए इन योजनाओं पर मिलने वाले रिटर्न और उनकी प्रमुख विशेषताओं पर नजर डालें।
1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
मूल विवरण:
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक लोकप्रिय लॉन्ग टर्म सेविंग्स स्कीम है जिसे सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें निवेशकों को टैक्स में छूट के साथ-साथ सुरक्षित रिटर्न भी मिलता है।
रिटर्न:
वर्तमान में, PPF पर सालाना 7.1% ब्याज मिल रहा है। यह ब्याज दर सरकार द्वारा हर तिमाही समीक्षा की जाती है। PPF में निवेशित राशि पर मिलने वाला ब्याज टैक्स-फ्री होता है।
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टैक्स लाभ:
PPF में आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं, जो कि धारा 80C के अंतर्गत टैक्स छूट के लिए योग्य होता है।
निवेश अवधि और विदड्रॉल:
PPF की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष होती है, लेकिन आप इसे 5-5 वर्षों के लिए बढ़ा सकते हैं। आप 7वें साल के बाद आंशिक निकासी भी कर सकते हैं।
2. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) | Tax Saving Government Schemes
मूल विवरण:
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) एक फिक्स्ड इनकम निवेश योजना है जिसे भारतीय डाकघरों में खरीदा जा सकता है। यह योजना मध्यम और निम्न वर्ग के निवेशकों के लिए है जो कि एक सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं।
रिटर्न:
वर्तमान में, NSC पर 7.7% सालाना ब्याज मिलता है। यह ब्याज दर 5 वर्षों के लॉक-इन पीरियड के लिए निर्धारित की जाती है।
टैक्स लाभ:
NSC में आप जितनी भी राशि निवेश करते हैं, वह धारा 80C के अंतर्गत टैक्स छूट के लिए योग्य होती है। हालांकि, मिलने वाला ब्याज कर योग्य होता है, लेकिन इसे रिइन्वेस्ट करने का विकल्प होता है जो आपको और टैक्स लाभ दे सकता है।
निवेश अवधि और विदड्रॉल:
NSC की मैच्योरिटी अवधि 5 साल होती है। इस अवधि से पहले निकासी की अनुमति नहीं होती है, सिवाय विशेष परिस्थितियों में।
3. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS)
मूल विवरण:
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाई गई है। यह स्कीम 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है और इसके अंतर्गत उच्च रिटर्न मिलता है।
रिटर्न:
SCSS पर वर्तमान में 8.2% सालाना ब्याज मिल रहा है, जो कि अन्य छोटी बचत योजनाओं के मुकाबले अधिक है।
टैक्स लाभ:
SCSS में आप 15 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं, और इस निवेश पर मिलने वाला ब्याज भी कर योग्य होता है। धारा 80C के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक की निवेश राशि पर टैक्स छूट मिलती है।
निवेश अवधि और विदड्रॉल:
SCSS की मैच्योरिटी अवधि 5 वर्ष है, जिसे आप 3 साल के लिए और बढ़ा सकते हैं। इस स्कीम में आंशिक निकासी की अनुमति होती है, लेकिन इसके लिए पेनल्टी लगाई जाती है।
4. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) | Tax Saving Government Schemes
मूल विवरण:
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) भारत सरकार की एक पहल है जो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य बेटियों के भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
रिटर्न:
SSY पर वर्तमान में 8.0% सालाना ब्याज मिलता है, जो कि PPF और NSC से अधिक है। यह ब्याज दर हर तिमाही बदल सकती है।
टैक्स लाभ:
SSY के तहत आप प्रति वर्ष अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं, जो कि धारा 80C के अंतर्गत टैक्स छूट के लिए योग्य होता है। निवेशित राशि और ब्याज दोनों ही टैक्स-फ्री होते हैं।
निवेश अवधि और विदड्रॉल:
SSY की मैच्योरिटी अवधि 21 वर्ष है, लेकिन 18 वर्ष की आयु के बाद बेटी की शादी के लिए आंशिक निकासी की अनुमति होती है।
5. किसान विकास पत्र (KVP
मूल विवरण:
किसान विकास पत्र (KVP) एक सर्टिफिकेट योजना है जो कि डबल मनी की गारंटी देती है। यह योजना उन निवेशकों के लिए है जो सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश करने में सक्षम हैं।
रिटर्न:
KVP पर वर्तमान में 7.5% ब्याज मिल रहा है। इस योजना में निवेश की गई राशि लगभग 115 महीने में दोगुनी हो जाती है।
टैक्स लाभ:
KVP पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलती, लेकिन यह योजना सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न देती है, जो इसे छोटे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है।
निवेश अवधि और विदड्रॉल:
KVP की लॉक-इन अवधि 30 महीने है, इसके बाद आप आंशिक निकासी कर सकते हैं।
इन सभी सरकारी बचत योजनाओं का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को सुरक्षित और निश्चित रिटर्न प्रदान करना है। PPF, NSC, SCSS, SSY और KVP जैसी योजनाएं न केवल आपको टैक्स बचाने में मदद करती हैं, बल्कि आपके निवेश को भी सुरक्षित रखती हैं। इन योजनाओं के बीच चयन करते समय आपकी निवेश अवधि, जोखिम सहने की क्षमता, और वित्तीय उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए।