RG KAR Case: कोलकाता के प्रतिष्ठित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले हफ्ते एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना सामने आई। इस घटना ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स, छात्रों और पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। इस क्रूरता के खिलाफ कॉलेज के डॉक्टर्स और छात्रों ने हड़ताल की शुरुआत की। विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे तेज होता गया और मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हड़ताल वापस लेने की अपील के बावजूद यह प्रदर्शन जारी है।
विरोध प्रदर्शन और मार्च
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर्स और छात्रों ने इस घटना के विरोध में सीबीआई कार्यालय तक एक बड़ा मार्च निकाला। यह मार्च पुलिस और प्रशासन की असंवेदनशीलता के खिलाफ और मामले में न्याय की मांग के लिए आयोजित किया गया था। विरोध प्रदर्शन करने वाले डॉक्टर्स ने कहा कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता।
राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान का योगदान | RG KAR Case
इस विरोध में राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान के डॉक्टर्स ने भी अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की इस घटना की निंदा करते हुए एक अलग प्रदर्शन आयोजित किया। इन डॉक्टर्स ने भी न्याय की मांग करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाएं चिकित्सा क्षेत्र की गरिमा को धूमिल करती हैं और प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करती हैं।
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तेलंगाना और अन्य राज्यों में विरोध | RG KAR Case
यह विरोध केवल कोलकाता तक सीमित नहीं रहा। इस घटना के विरोध में तेलंगाना और अन्य राज्यों के डॉक्टर्स ने भी प्रदर्शन किए। उन्होंने कोलकाता की घटना पर रोष व्यक्त करते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच और आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गईं हैं। भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी ने सीएम ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री न्याय नहीं दिला सकतीं, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। ममता बनर्जी, जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वह अपनी सरकार के खिलाफ भी खड़ी हो गई हैं।
सीबीआई की भूमिका और पुलिसकर्मियों का निलंबन
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई तोड़फोड़ और हिंसा के बाद, कोलकाता पुलिस ने तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इनमें से दो असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर रैंक के अधिकारी और एक इंस्पेक्टर शामिल हैं। यह निलंबन इस बात को दर्शाता है कि प्रशासन में उच्च स्तर पर भी इस घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस घटना की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी की गई। सुप्रीम कोर्ट ने अस्पताल की सुरक्षा के लिए CISF को जिम्मेदारी सौंपी है, जो इस बात का संकेत है कि उच्चतम न्यायालय को राज्य प्रशासन पर विश्वास नहीं है। केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार ने इस पर कहा कि यह घटना राज्य प्रशासन की विफलता को दर्शाती है।
सीआईएसएफ की सुरक्षा और डीआईजी का दौरा
अस्पताल की सुरक्षा CISF को सौंपे जाने के बाद, CISF के डीआईजी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। यह दौरा सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए था। वहीं, सीबीआई इस मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से लगातार पूछताछ कर रही है। उनकी भूमिका को संदिग्ध मानते हुए जांच जारी है।