Friday, November 22, 2024
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Shri Krishna Janmashtami 2024 : श्रीकृष्ण जनमाष्टमी कब है और जानिए कैसे करें कन्हैया की पूजा

Recently updated on August 26th, 2024 at 06:31 pm

Shri Krishna Janmashtami 2024:सनातन धर्म में कई ऐसे भगवान हुए जिन्होंने बुराई और अत्याचार को खत्म करने के लिए धरती पर अलग-अलग अवतार लिए। जिनके अवतार की कहानी आज भी पढ़ी और सुनाई जाती है। हिन्दू धर्म में उनके इस खास दिन को खास तरीके से याद करने के लिए त्योहार के रूप में मनाया जाता है। ऐसा ही एक त्योहार भाद्रपद महीने में आता है। इस त्योहार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 दिन सोमवार को मनाई जाएगी।

जन्माष्टमी का त्योहार पूरे भारत देश में बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को कृष्ण अष्टमी और गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। अलग-अलग जगह पर इस त्योहार को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। श्री कृष्ण के भक्तों के लिए जनमाष्टमी का त्योहार किसी उत्सव से कम नहीं होता। कहीं दही हांडी तो कहीं रासलीला जैसे अलग-अलग कार्यक्रमों के साथ जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।Shri Krishna Janmashtami 2024

कब मनाई जाती है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ?

जन्माष्टमी भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इसी दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।

क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी ? Shri Krishna Janmashtami 2024

कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। द्वापर युग में इस दिन भगवान विष्णु ने धरती पर श्री कृष्ण के अवतार में जन्म लिया था। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से 8 वें और 24 अवतारों में से 22 वें अवतार थे। इसी दिन को हिन्दू धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

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कैसे करे कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा ? Shri Krishna Janmashtami 2024

आज कल अधिकतर भारतीयों के घर में कृष्ण भगवान के बाल रूप लड्डू गोपाल स्थापित होते हैं। जिन्हे सभी कृष्ण भक्त अपने बालक के समान ही उनकी देखभाल करते हैं। वैसे तो हर दिन लड्डू गोपाल को स्नान, उनका शृंगार और तीनों पहर का भोग लगाया जाता है लेकिन जन्माष्टमी के दिन उन्हे उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में विशेष रूप से पूजा जाता है।

प्रातःकाल खुद स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहन ले। अपने घर के मंदिर की साफ-सफाई कर फूलों से सजा दे। लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान करा कर फिर साफ जल से स्नान कराए। उन्हे नए वस्त्र पहना कर उनका शृंगार करे। उसके बाद उन्हें पालने में बैठ दे। ऐसा कहा जाता है की इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था इसलिए जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को एक नवजात बालक की तरह ही रखना चाहिए। श्री कृष्ण के जन्म की कथा पढ़कर व्रत का संकल्प ले। भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएँ।

जन्माष्टमी के व्रत में फलाहार और नमक का सेवन भी कर सकते हैं। लेकिन अन्न का सेवन करना वर्जित है। भगवान कृष्ण का जन्म रात में 12 बजे हुआ था इसलिए जन्माष्टमी की रात में ठीक 12 बजे कृष्ण जन्मउत्सव मनाया जाता है। 12 बजते ही सभी मंदिरों में आरती होती है और भगवान को भोग लगाया जाता है। तभी चंद्रमा के दर्शन कर उन्हे जल चढ़ाकर आरती करे। अपना व्रत खोल कर सबसे पहले मंदिर के भोग का सेवन करे। उसके बाद सात्विक आहार ग्रहण करे।

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