Amit Shah In Chandigarh: केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए चंडीगढ़ का दौरा किया। अपने दौरे के दौरान अमित शाह ने चंडीगढ़ सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में चार नए विकसित राष्ट्रीय ऐप ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन भी लॉन्च किए। बता दे कि इस कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया की उपस्थिति मौजूद रहे.
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में चंडीगढ़ के डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव का अहम योगदान रहा. डीजीपी चंडीगढ़ सुरेंद्र यादव कार्यक्रम में उपस्थित रहे. साथ ही इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका, महानिदेशक बीपीआरडी राजीव कुमार शर्मा, निदेशक एनसीआरबी विवेक गोगिया, उपराज्यपाल के सलाहकार,राजीव वर्मा, एनआईसी, चंडीगढ़ प्रशासन और चंडीगढ़ पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
शाह ने दी चंडीगढ़ पुलिस को बधाई
कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री अमित शाह को नए आपराधिक कानूनों के तहत काम करने वाले इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS) के विभिन्न स्तंभों और उनके एकीकरण पर लाइव प्रदर्शन दिखाया गया। उन्होंने इन कानूनों के लाइव प्रदर्शन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन और चंडीगढ़ पुलिस को बधाई दी। बता दे कि चंडीगढ़ में नए आपराधिक कानूनों के तहत काम करने वाले इंटरऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का सफलता का श्रेय सही मायनों में डीजीपी चंडीगढ़ सुरेन्द्र यादव को जाता है।
संविधान भारत की आत्मा है – शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस कार्यक्रम के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि संविधान भारत की आत्मा है और नए आपराधिक कानून इस भावना को मजबूत करेंगे। उन्होंने बताया कि 1860 में एक विदेशी संसद द्वारा बनाए गए पिछले कानून अब 2024 में भारत के लिए प्रासंगिक नहीं हैं। आधुनिक तकनीक और पूरी तरह से स्वदेशी पर आधारित नए कानून अगले दशक में भारत में सबसे बड़े सुधारों में से एक हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये कानून दंड-उन्मुख होने के बजाय न्याय-उन्मुख हैं और भारत को दुनिया की सबसे तकनीकी रूप से उन्नत न्याय प्रणाली के रूप में स्थापित करेंगे।
ये भी पढ़ें : Delhi MCD: सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को दिया एमसीडी में मनोनित पार्षद नियुक्त करने का अधिकार
अमित शाह ने चंडीगढ़ के नागरिकों से नए आपराधिक कानूनों के बारे में अधिक जागरूक होने, अफवाहों से बचने और उनके कार्यान्वयन में सकारात्मक योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने घोषणा की कि चंडीगढ़ देश की पहली प्रशासनिक इकाई होगी, जहां अगले दो महीनों के भीतर तीनों कानूनों का 100% कार्यान्वयन सबसे पहले पूरा हो जाएगा।
नए कानूनों के डिजिटलीकरण पहलू पर राज्यपाल ने डाला प्रकाश
पंजाब के राज्यपाल सह केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया ने भी इस अवसर पर बात की और नए कानूनों के डिजिटलीकरण पहलू पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि डिजिटल साक्ष्य और ऑनलाइन रिपोर्टिंग तंत्र प्रमुख घटक हैं, जो शिकायतकर्ताओं को एक बटन के क्लिक पर अपने मामलों को ट्रैक करने की अनुमति देते हैं। उन्होंने ब्रिटिश काल के राजद्रोह कानून को खत्म करने और भीड़ द्वारा हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए कड़ी सजा की शुरूआत का उल्लेख किया, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षा बढ़ी।
डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव ने धन्यवाद ज्ञापन किया प्रस्तुत
कार्यक्रम के दौरान चंडीगढ़ के डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव ने गृह मंत्री श्री अमित शाह के आगमन और नए विकसित ऐप के शुभारंभ के लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। बता दे कि इसी साल मार्च के महीने में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव को चंडीगढ़ का नया डीजीपी नियुक्त किया था. उन्हें दिल्ली से ट्रांसफर कर चंडीगढ़ के डीजीपी पद पर नियुक्त किया गया था. इस तरह जब से सुरेंद्र सिंह यादव ने चंडीगढ़ में अपना कार्यभार संभाला है तब से चंडीगढ़ में क्राइम का ग्राफ लगातार गिरा है.
उनके चंडीगढ़ के डीजीपी बनने के बाद केंद्रशासित चंडीगढ़ में आपराधिक घटनाओं में कमी आने का सिलसिला लगातार जारी है. 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव को चंडीगढ़ के डीजीपी के तौर पर नियुक्त करने का निर्णय चंडीगढ़ के लिए काफी सही साबित हुआ है. गौरतलब है कि सुरेंद्र सिंह यादव एक अनुभवी आईपीएस अधिकारी है जो अपनी बेहतरी कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं.