Waynad Landslide Updates: केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुई भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। इस भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में अब तक 358 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक लोग लापता हैं। इस लेख में हम इस प्राकृतिक आपदा की व्यापक जानकारी प्रदान करेंगे, जिसमें बचाव कार्य, वर्तमान स्थिति, और मौसम पूर्वानुमान शामिल हैं।
भारी बारिश और भूस्खलन का मंजर
वायनाड में लगातार भारी बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ। इस त्रासदी ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली और कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। भूस्खलन से सड़कों, पुलों और घरों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। कुछ इलाकों में तो पूरे के पूरे गाँव मलबे के नीचे दब गए हैं।
ताजा रिपोर्ट के मुतबिक इस तबाही में अब तक 358 लोगों की मौत हो चुकी है। 214 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि 187 लोगों को अस्पताल से इलाज के बाद डिस्चार्ज किया गया है. हालांकि, अभी भी भूस्खलन के बाद 300 के करीब लोग लापता हैं. उम्मीद की जा रही है कि ये लोग अभी जिंदा हों.
बाढ़ में लापता लोग | Waynad Landslide
भूस्खलन के बाद से ही लगभग 300 लोग लापता हैं। सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियाँ लगातार इन लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं। लापता लोगों की पहचान और उनके बारे में जानकारी जुटाने के लिए राशन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेजों की समीक्षा की जा रही है। लापता लोगों के परिजन बेहद चिंतित हैं और उन्हें अपने प्रियजनों के सुरक्षित मिलने की उम्मीद है।
राहत और बचाव कार्य जारी
बचाव कार्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), भारतीय सेना, नौसेना और स्थानीय प्रशासन जुटे हुए हैं। बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए भारी इंजीनियरिंग उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। भारतीय नौसेना ने भी 68 सदस्यों की एक टीम को राहत और बचाव कार्यों के लिए भेजा है।
राहत शिविरों में प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है और उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। विभिन्न स्वयंसेवी संगठन और सरकारी एजेंसियाँ भी राहत कार्यों में सहायता कर रही हैं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने वायनाड और आसपास के जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। अगले दो दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इन दिनों में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएँ चल सकती हैं ।
190 ft long bridge,24 Ton capacity completed in 16 hrs by #MadrasEngineersGroup of #IndianArmy under the supervision and efforts of Maj Seeta in #waynad. It Started at 9 pm on 31 July & completed at 5:30 pm on 1 Aug. Super and Salute🇮🇳 pic.twitter.com/skV3MJPegT
— Manish Prasad (@manishindiatv) August 1, 2024
रेस्क्यू टीम अडवांस्ड टेक्निकल उपकरणों और खोजी कुत्तों के जरिए लोगों को जिंदा ढूंढ रही है। इस दौरान बड़ी तादाद में लोगों के शव भी बरामद किए जा रहे हैं. केरल में पिछले कुछ सालों में आई ये सबसे भयानक आपदा रही है।
केरल सरकार के द्वारा राहत और पुनर्वास का प्रयास जारी
राहत और पुनर्वास कार्यों के तहत सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था की में भोजन, पानी, चिकित्सा सेवाएं और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। केरल सरकार ने राज्य में दो दिन का शोक घोषित किया है और राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके हुए हैं।
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इस तबाही पर राजनीतिक प्रतिक्रिया अपने चरमसीमा पर | Waynad Landslide
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि केंद्र सरकार ने 23 जुलाई को ही भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी दी थी। इसके बावजूद राज्य सरकार की तैयारी में कमी रही, जिससे इतनी बड़ी त्रासदी हो गई। अब तक एक हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और उन्हें राहत शिविरों में ले जाया गया है।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी स्थिति पर ध्यान आकर्षित करते हुए संसद में चर्चा की मांग की है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक रणनीतियाँ बनानी होंगी।
विदेशों से भी आ रही हैं प्रतिक्रिया |Waynad Landslide
अमेरिका, चीन, जर्मनी और नीदरलैंड सहित कई देशों ने वायनाड भूस्खलन में हुई जानमाल की हानि पर शुक्रवार को शोक व्यक्त किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने बचावकर्मियों की बहादुरी की सराहना करते हुए संवेदना व्यक्त की हैं। व्हाइट हाउस ने कहा कि हम उन परिवारों के साथ शोकाकुल महसूस कर रहे हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और इस कठिन समय के दौरान हम भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।
राहत बचाव कार्यों में जनता कर रही मदद
स्थानीय नागरिक भी बचाव और राहत कार्य में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। स्वयंसेवी संगठनों ने राहत सामग्री और अन्य आवश्यकताओं की आपूर्ति में सहायता की है।वायनाड में हुई इस प्राकृतिक आपदा ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली और हजारों लोगों को बेघर कर दिया।
सरकार और विभिन्न एजेंसियाँ इस संकट से निपटने के लिए पूरी कोशिश कर रही हैं, लेकिन आने वाले दिनों में और भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। नागरिकों से अपील है कि वे सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं। मेप्पडी में 17 राहत शिविरों में 707 परिवारों के 2,597 लोग रह रहे हैं। जिले भर में कुल 91 शिविरों में लगभग 10,000 लोगों ने शरण ली हुई है।
इस त्रासदी ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें पर्यावरणीय संरक्षण और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उम्मीद है कि इस प्रकार की घटनाओं से सीख लेकर भविष्य में हम ऐसी आपदाओं से बेहतर तरीके से निपट सकेंगे।