Jharjhand Train Accident: झारखंड में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें हावड़ा-मुंबई मेल के 18 बोगी बेपटरी हो गई। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक लोग घायल हो गए। इस घटना ने न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
क्या हुआ ?
हावड़ा-मुंबई मेल एक महत्वपूर्ण ट्रेन है जो पूर्वी और पश्चिमी भारत को जोड़ती है। यह हादसा झारखंड के धनबाद जिले के पास हुआ। ट्रेन अपने नियमित मार्ग पर चल रही थी जब अचानक एक जोरदार धमाके के साथ 18 बोगी पटरी से उतर गई। कोलकाता से मुंबई जाने वाली 12810 हावड़ा-मुंबई मेल मंगलवार तड़के तेज रफ्तार से पटरी पर चली जा रही थी. यह एक्सप्रेस ट्रेन झारखंड में चक्रधरपुर डिवीजन के बड़ाबम्बो-राजखरसावां रेलवे स्टेशन के बीच से गुजर रही थी, तभी पोटोबेड़ा गांव के पास इसमें चीख पुकार मच गई. ट्रेन के अंदर ऊपर की बर्थ पर गहरी नींद में सो रहे कई लोग अचानक बेहद तेज झटके से नीचे गिर गए।
दुर्घटना का कारण
हादसे का मुख्य कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच के अनुसार यह संकेत मिल रहे हैं कि पटरी में कुछ तकनीकी खराबी या टूट-फूट हो सकती है। बताया गया कि यहां पोल नंबर 219 के पास ही थोड़ी देर पहले एक मालगाड़ी डिरेल हुई थी और फिर टाटानगर की तरफ से आ रही हावड़ा-मुंबई मेल उसी मालगाड़ी के डिब्बों से टकरा गई.
इस टक्कर की वजह से अचानक एक तेज आवाज आई और फिर झटके के साथ एक के बाद एक कई डिब्बे पटरी से उतरते चले गए. इतने बड़े हादसे में बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की आशंका जताई जाने लगी थी। रेलवे प्रशासन ने घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है जो इस हादसे के वास्तविक कारणों की जांच करेगी।
राहत और बचाव कार्य
घटना के तुरंत बाद, रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे राहत दल ने घायल यात्रियों को बाहर निकालने का कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भेजा गया जहां उनका इलाज चल रहा है। कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
रेलवे मंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सरेन ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। रेलवे मंत्री ने घोषणा की है कि मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि और गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
यात्रियों ने क्या कहा ?
घटना के वक्त ट्रेन में सवार यात्रियों ने बताया कि हादसे के समय ट्रेन की गति सामान्य थी। अचानक जोरदार धमाका हुआ और बोगियां एक के बाद एक पटरी से उतर गईं। एक यात्री ने बताया, “यह ऐसा था जैसे सब कुछ अचानक रुक गया हो। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे और कई बोगियों में फंसे रह गए।”
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#TrainAccident | 12810 Howrah-Mumbai Express derailed at 3:45 am near Chakradharpur, Jharkhand, resulting in a devastating accident.
Our thoughts are with the affected passengers & their families.
However, we cannot help but express outrage & concern over the recurring railway… pic.twitter.com/UtYQh7g4CB
— Nilanjan Das (@NilanjanDasAITC) July 30, 2024
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन ने भी इस आपदा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों में सहयोग किया। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और मेडिकल टीमें तैनात की गईं। स्थानीय निवासियों ने भी घायलों की मदद के लिए आगे आकर महत्वपूर्ण योगदान दिया।
हादसे का प्रभाव
इस हादसे का प्रभाव न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी पड़ा है। रेल यात्रा को लेकर लोगों में भय पैदा हो गया है। रेलवे प्रशासन को अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। रेलवे प्रशासन ने इस हादसे के बाद कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि वे रेलवे पटरियों की नियमित जांच और रखरखाव को और सख्त करेंगे। इसके अलावा, नई तकनीकों का उपयोग करके ट्रेन सुरक्षा में सुधार करने का भी निर्णय लिया गया है।
इस हादसे के बाद रेलवे के तमाम आला अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं. इधर रेलवे ने चक्रधरपुर से खुलने वाले सभी पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया है. इस रूट पर चलने वाली 12021/12022 हावड़ा बारबिल एक्सप्रेस को रद्द करना पड़ा, जबकि 18114 बिलासपुर टाटा एक्सप्रेस को राउरकेला में, 18190 एर्नाकुलम टाटा एक्सप्रेस को चक्रधरपुर में और 18011 हावड़ा चक्रधरपुर एक्सप्रेस, 22861 हावडा-कांटाबाजी एक्सप्रेस, 08015/18019 खड़कपुर-धनबाद एक्सप्रेस को आगरा में शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है।
झारखंड में हुआ यह बड़ा ट्रेन हादसा एक दुखद घटना है जिसने कई परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। यह घटना रेलवे प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना होगा ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों। प्रशासन, राहत और बचाव दल, स्थानीय निवासियों और रेलवे कर्मचारियों के संयुक्त प्रयासों ने इस मुश्किल घड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन इस हादसे से मिलने वाली सीख को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। रेलवे को सुरक्षा के मामले में और सख्ती बरतनी होगी ताकि यात्रियों का विश्वास बहाल हो सके।