Gangajal Holy Water : हिन्दू धर्म में गंगा जल को अमृत के समान पवित्र मन जाता हैं। गंगा जल की पवित्रता से जुड़ी कई कहानियों को सुन के हम बड़े हुए हैं हमारे वेद , शास्त्र और ग्रंथों में भी गंगा जल का महत्व बताया जाता हैं। गंगा जल की पवित्रता के केवल वैदिक या धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक प्रमाण भी मिलते हैं। विज्ञान भी यह मानता हैं की गंगा जल केवल साधारण जल नहीं है यह अमृत तुल्य हैं।
वैदिक प्रमाण – वामन पुराण के अनुसार अमृत मंथन के समय जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार धरण कर के अपना पेर ऊपर उठाया था तब ब्रह्म जी ने उनके चरण धो कर वो जल अपने कमंडल में रख लिया था उस जल के अंश से गंगा माता का जनम हुआ वेदों में गंगा जल को लेके अलग अलग कहानिया मिलती हैं जैसे एक कथा के अनुसार माना जाता हैं गंगा माता ने भगवान शिव की तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हे अपने जतायो में बांध लिया था तबसे गंगा जल की पवित्रता को और भी मान्यता मिल गई।
धार्मिक प्रमाण – हिन्दू धर्म में गंगा जल को शुद्ध और पवित्र माना जाता हैं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पूजा पाठ में गंगा जल का उपयोग जरूरी माना जाता हैं किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में गंगा जल के बिना पूजा नहीं की जाती सभी धार्मिक मान्यतों के अनुसार अलग अलग जगह पर गंगा जल का अलग अलग तरीके से उपयोग किया जाता हैं।
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वैज्ञानिक प्रमाण | Gangajal Holy Water |
ऐसा नहीं हैं की गंगा जल की पवित्रता केवल ग्रंथों , वेदों और पुरानो में ही दी जाती है वैज्ञानिकों ने भी यह प्रमाण दिया हैं की गंगा जल कोई साधारण जल नहीं हैं बल्कि इसे पवित्र मानेजाने के पीछे कुछ कारण भी हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार गंगा जल के अंदर अपने आस पास के वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा को खीच लेने की शक्ति होती हैं।
इसमे एंटी बैक्टिरीअल गुण भी होते हैं जो इसमे बैक्टीरीअ पैदा नही होने देते पैदा होते ही उन्हे मार देते हैं। यही कारण हैं की आज के समय में भी हर भारतीय के घर में कई दिनों या महीनों पुराना गंगाजल रखा मिलता हैं जो खराब नहीं होता। गंगा जल में कुछ औषधिए गुण भी होते हैं इस कारण कई आयुर्वेदिक औषधि का सेवन गंगा जल के साथ कराया जाता हैं क्यूकी ऐसा माना जाता हैं की गंगा जल में रोग दूर करने की शक्ति भी होती हैं।
तो ये थे कुछ ऐसे प्रमाण जो गंगा जल की पवित्रता को सिद्ध करते हैं केवल धार्मिक , वैदिक या पौराणिक मान्यता ही नहीं हैं बल्कि वैज्ञानिकों ने भी ये माना हैं की गंगा जल हर तरीके से शुद्ध ,पवित्र और स्वस्थ हैं
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गंगा जल का प्रयोग | Gangajal Holy Water |
1.भारत देश में जब सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण होता हैं तो घर में राखी सभी चीजें अशुद्ध हो जाती हैं यह तक की खाने की चीज भी खाने लायक नहीं रहती तब ग्रहण खत्म होने के बाद गंगा जल से पूरे घर में गंगा जलछिड़क जाता हैं और घर को शुद्ध कियाजता हैं ऐसा माना जाता हैं की गंगा जल पूरे घर की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर देता है।
2.जब किसी इंसान की मृत्यु होती हैं तब उसके अंतिम समय में जब उसकी आखिरी साँसे चल रही होती हैं तब उसके मुह में गंगा जल डाल जाता हैं ऐसा माना जाता हैं की इससे उसकी प्राण आसानी से निकाल जाते हैं और उसकी आत्मा शुद्ध होजाती हैं
3.घर में जब पूजा के समय किसी भगवान की मूर्ति को स्नान कराया जाता हैं तो साधारण जल से नहीं बल्कि गंगजल से कराया जाता हैं तभी वह मूर्ति पवित्र मानी जाती हैं और पूजा के बाद वही जल छिड़का जाता हैं।
4.गंगा जल एकमात्र ऐसा जल हैं जिसमे कोई दूसरा जल भी मिला देने से वह जल भी गंगा जल के समान शुद्ध और पवित्र हो जाता हैं गंगा जल का थोड़ा सा हिस्सा भी जल दूसरे जल को शुद्ध कर देता हैं।
5.भारतीयों में ऐसी मान्यता हैं की जब कोई इंसान गलत कर्म या पाप करता हैं तो तो गंगा स्नान करने से उसके पाप धूल जाते है सुनने में थोड़ा अजीब लगता हैं लेकिन इसके भी कई प्रमाण और साक्ष्य हैं जो इस बात को प्रामाणिकता देते हैं यही कारण हैं की गंगा घाट पे स्नान भी अपने आप में एक प्रचलन हैं गंगा dusshhera पर आज भी हर एक गंगा घाट पर लाखों की भीड़ होती हैं और गंगा dusshera किसी धार्मिक त्योहार से कम नहीं हैं इसस दिन को भारतीय एक बड़े उत्सव के साथ मनाते हैं।
तो ये था गंगा जल की पवित्रता की कुछ ऐसे साक्ष्य जो आपको गंगा जल की मान्यता को स्वीकार करने के लिए बाध्य करते हैं और गंगा जल की उपयोगिता को प्रमाणिक्ता के साथ सिद्ध करते हैं