Naseeruddin Shah: बॉलीवुड इंडस्ट्री के एक्टर नसीरुद्दीन शाह देश के सबसे बेहतरीन एक्टर्स में से एक हैं। नसीरुद्दीन ने अपनी लाइफ में कई हिट फिल्में की हैं और लोग उनकी एक्टिंग के मुरीद हैं। इसके अलावा नसीरुद्दीन शाह हमेशा बेबाक अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं। वहीं कान फिल्म फेस्टिवल में नसीरुद्दीन शाह, रत्ना पाठक और प्रतीक बब्बर की फिल्म ‘मंथन’ क्लासिक सेक्शन में चुनी गई।
फिल्म में दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल भी नजर आई थीं। इस लिए उनके पुत्र अभिनेता प्रतीक बब्बर भी वहां मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने एक बातचीत में भारत में मौजूद जाति व्यवस्था और धर्म को लेकर भी टिप्पणी की।
नसीरुद्दीन शाह ने दिया विवादित बयान
आपको बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा,’दुर्भाग्य से जाति व्यवस्था अभी भी मौजूद है और इससे कई नागरिक प्रभावित भी होते हैं। यह काफी अफसोस की बात है कि लोग अभी भी इन सब चीजों पर इतना ध्यान देते हैं। यह इतनी आसानी से लोगों के मन से नहीं जाने वाला है। मुझे लगता है कि यह जाति व्यवस्था और बुराईयों को लेकर एक बयान है।
मुझे आशा हे कि लोगों के मन से जाति व्यवस्था को खत्म करने के लिए इसे एक बयान के तौर पर देखा जाएगा। इससे उन सभी लोगों की एकजुटता को बल मिलेगा, जो उत्पीड़न का शिकार हैं’।
धर्म पर बनाना चाहते है फिल्म
गौरतलब है कि बातचीत के दौरान, जब अभिनेता से एक सामाजिक मुद्दा चुनने को कहा गया, जिस पर वह मौजूदा दौर में फिल्म बनाना चाहेंगे तो उन्होंने जवाब दिया ‘धर्म’। अभिनेता ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस पर साहसी फिल्म बनाए जाने की जरूरत है, जो हम सभी के दिमाग में है और जो मेरी राय में इंसानियत के लिए सबसे खतरनाक चीजों में से एक है। मैं शायद यही चुनूंगा।
इस वजह से ही कई साल पहले मैंने पाकिस्तान में खुदा के लिए नामक फिल्म की थी, जो मंथन जितनी ही महत्वपूर्ण थी’।