Supreme Court : संदेशखाली मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई (CBI) करती रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई है।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि , राज्य सरकार किसी व्यक्ति के हित की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कैसे कर सकती है ,जबकि उस व्यक्ति के खिलाफ सीबीआई के पास सारे सबूत है। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद करेगी।
क्या है मामला ?
ये मामला संदेशखाली में भूमि हड़पने और जबरन वसूली से संबंधित है जिसमे सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (TMC) के निलंबित नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी। जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। इसी मामले में TMC के निलंबित नेता शेख शाहजहां को सीबीआई ने कुछ महीने पहले गिरफ्तार किया था। इस गिरफ़्तारी के दौरान सीबीआई पर हमला भी हुआ था। ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका लगाई है, जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराध और संदेशखाली में भूमि कब्जा करने के आरोपों की CBI से जांच कराने का निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई हैरानी
मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि किसी निजी व्यक्ति के खिलाफ हो रही जांच का राज्य सरकार विरोध कर रही है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली में महिलाओं के शोषण और लोगों की जमीन हड़पने के आरोपों की जांच CBI को 10 अप्रैल को सौंप दी थी। ममता सरकार इसका विरोध कर रही है। इस मांमले में कोलकता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने जांच एजेंसी से उसे एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा था, जिसके बाद अदालत को आगे की कार्रवाई पर फैसला करना था। कोर्ट ने सीबीआई को एक अलग पोर्टल और ईमेल खोलने का निर्देश दिया, जिस पर संदेशखाली के पीड़ित भूमि हड़पने और जबरन वसूली से संबंधित अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें। इन सभी शिकायतकर्ता की जानकारी की गोपनीयता भी रखने की जिम्मेदारी कोलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को दिया था।