Water export : भारत के कई राज्यों में पेयजल संकट है लेकिन इसके बावजूद भी भारत दूसरे देशों को पानी बेचता है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए की कमाई होती है। भारत से पानी का सबसे बड़ा निर्यात और कहीं नहीं बल्कि पड़ोसी देश चीन में होता है, जहां पानी को बेचा जा रहा है। वर्ष 2020 में चीन ने भारत से मिनरल और नेचुरल वॉटर का सबसे अधिक पानी खरीदा है, जिसके बाद मालदीव को भी बड़े पैमाने पर नेचुरल वॉटर निर्यात किया गया।
बता दें कि पिछले वर्ष लोकसभा में इस बात पर चर्चा हुई थी, जिसमें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने बताया था कि वर्ष 2015-16 से 2020-21 के बीच भारत ने कुल 38,50, 431 लीटर पानी का निर्यात किया था। जिसमें केवल मिनरल वॉटर ही नहीं, बल्कि नेचुरल वॉटर भी शामिल था। इन पांच सालों में देश से लगभग 23,78,227 लीटर मिनरल वाटर और 8,69,815 लीटर नेचुरल वॉटर दूसरे देश बेचा गया है और केवल मिनरल वॉटर से ही देश को लगभग 31 लाख रुपए हासिल हुए है। इसके अलावा मालदीव, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भी भारत की तरफ से पानी की कई किस्में आयात की गई है। वर्ष 2020-21 के बीच कोरोना काल में भारत ने अलग-अलग देशों को करीब 155.86 लाख रुपए का पानी बेचा था। वर्चुअल पानी के निर्यात में भारत अब तक सबसे आगे हैं।
देश में फिलहाल पेयजल का भारी संकट है। समग्र जल प्रबंधन सूचकांक की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में लगभग 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा करीब दो लाख लोग हर वर्ष स्वच्छ पानी नहीं मिलने की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। साथ ही इस रिपोर्ट में ये भी आशंका जताई गई हैं कि साल 2030 तक देश की हालात और बिगड़ सकती हैं, जिसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पड़ेगा। बता दें कि देश में पीने के पानी की कमी को देखते हुए वर्ष 2019 में सरकार ने जलजीवन मिशन शुरू किया था, जिसके तहत ग्रामीण इलाकों में वर्ष 2024 तक साफ और भरपूर पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।