Saturday, November 23, 2024
MGU Meghalaya
HomeमनोरंजनRandeep Hooda: ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ के सेट पर रणदीप हुड्डा संग घटी...

Randeep Hooda: ‘स्वतंत्र वीर सावरकर’ के सेट पर रणदीप हुड्डा संग घटी भूतिया घटना, एक्टर ने किया बड़ा खुलासा

Randeep Hooda: बॉलीवुड इंडस्ट्री के एक्टर रणदीप हुड्डा आज के समय में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। रणदीप इन दिनों अपनी फिल्म वीर सावरकर को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं। एक्टर की फिल्म ‘स्वतंत्र वीर सावरकर: ए सिनेमैटिक ट्रिब्यूट टू इंडियाज अनसंग हीरो’ नाटकीय है। ये फिल्म राष्ट्रीय शहीद दिवस के मौके पर यानी 22 मार्च 2024 को रिलीज हुई और इसे दर्शकों का खूब प्यार मिला।

रणदीप ने इस फिल्म के जरिए अपने निर्देशन करियर की भी शुरुआत की। अब रणदीप ने बताया है कि इस फिल्म को बनाने के लिए उन्होंने अपने पिता की संपत्ति भी बेच दी थी।

ergterte

फिल्म के लिए रणदीप को झेलनी पड़ी थी काफी मुसीबतें

आपको बता दें कि हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान रणदीप ने फिल्म के साथ अपनी यात्रा पर चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि इसे विश्व स्तर पर देखा जाए और इसे चुनावी वर्ष के दौरान दक्षिणपंथी रचना के रूप में न देखा जाए। उन्होंने फिल्म को पिछले साल 15 अगस्त और फिर 26 जनवरी को रिलीज करने की अपनी योजना का भी खुलासा किया है।

रणदीप ने बताया कि उन्होंने फिल्म के लिए काफी वजन कम किया, लेकिन असली चुनौती शूटिंग के दौरान उस वजन को बनाए रखने की थी। अभिनेता ने खाना खाए बगैर, केवल पानी, ब्लैक कॉफी और ग्रीन टी पर निर्भर होकर फिल्म का निर्देशन किया। बाद में, उन्होंने अपने भोजन में चीला, डार्क चॉकलेट और नट्स को शामिल किया। इससे उन्हें नींद आने में दिक्कत होने लगी और वह सेट पर कई बार गिर पड़े थे।

grgg

प्रापर्टी बेचकर बानई फिल्म

गौरतलब है कि फिल्म के निर्माण को लेकर रणदीप ने कहा, ‘मेरे पिता ने पैसे बचाकर मेरे लिए मुंबई में दो-तीन प्रॉपर्टी खरीदी थी। मैंने उन्हें बेच दिया और फिर वो पैसा फिल्म में लगाया। मैं खुद को रोक नहीं पाया।

इस फिल्म को किसी का भी सपोर्ट नहीं मिला था।’ सेल्युलर जेल में शूटिंग के अपने अनुभव का खुलासा करते हुए रणदीप ने कहा, “मैं सावरकर की कोठरी में कुछ समय अकेले बिताना चाहता था, इसलिए मैंने उसमें बंद रहने को कहा। कुछ देर तक मैं ठीक था, लेकिन फिर, मुझे लगा कि दीवारें मुझ पर गिर रही हैं। मैं मदद के लिए चिल्लाने लगा, लेकिन मेरी आवाज दूर तक नहीं गई। मैं क्लॉस्ट्रोफोबिक हो गया, मेरी सांसें उखड़ने लगीं।”

- Advertisment -
Most Popular