Shaitaan Review: अजय देवगन की एक और धमाकेदार फिल्म शैतान थियेटर्स में आखिरकार रिलीज हो गई है। काले जादू और वशीकरण पर बनी इस डरावनी फिल्म की कहानी एक खुशहाल परिवार पर आधारित है, जिनपर एक शैतान हावी हो जाता है और उनकी जिंदगी तहस नहस कर देता है। फिल्म के ट्रेलर ने ही लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए थे। ऐसे में रिलीज के साथ सभी ये जानने को काफी बेताब होंगे कि आखिरकार ये फिल्म है कैसी? तो हम इस आर्टिकल में आपको इस फिल्म का रिव्यू बताने वाले हैं। हालांकि इससे पहले इस फिल्म की कहानी, अच्छाईयों और कमियों के बारे में जान लेना भी बेहद जरुरी है। तो आइए शुरू करते हैं।
कैसी है फिल्म की कहानी?
दरअसल, शैतान फिल्म की शुरूआत होती है एक खुशहाल फैमिली से जो देहरादून में अपने दो बच्चों जाह्नवी (जानकी बोदीवाला) और ध्रुव (अंगद राज) के साथ हंसते खेलते और मस्ती करते जिंदगी बिता रहे हैं। इस दौरान कबीर (अजय देवगन) और ज्योति (ज्योतिका) अपने बच्चों के साथ रिलैक्स करने के लिए अपने फार्म हाउस जा रहे होते हैं जब उनकी जिंदगी में वनराज (आर माधवन) की एंट्री होती है, जो उन्हें एक ढाबे पर मिलता है। वहीं से वो कबीर और उसके परिवार के पीछे लग जाता है। सभी को शुरूआत में सब नॉर्मल लगता है, लेकिन कबीर और ज्योति नहीं जानते कि वनराज कोई आम इंसान नहीं है और वो उनकी बेटी जाह्नवी को अपने वश में कर चुका है।
आखिर वनराज का मकसद क्या है, क्यों वो जाह्नवी को अपने साथ ले जाना चाहता है और कबीर और ज्योति अपनी बच्ची को बचाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। इस पूरी फिल्म की कहानी इसी के इर्द गिर्द घूमती है।
परफॉर्मेंस के मामले में टॉप क्लास है ‘शैतान’
अब आते हैं कि परफॉर्मेंस पर, तो बता दें कि फिल्म में अजय देवगन से लेकर ज्योतिका तक की एक्टिंग दर्शकों को अलग दुनिया में ले जाती है। ज्योति के पति कबीर के किरदार में अजय देवगन ने एक बेबस बाप की भूमिका बखूबी निभाई है, जो साम दाम दंड भेद से अपनी बच्ची को बचाने की कोशिश में लगा है, लेकिन उसका बस कहीं नहीं चल रहा।
वहीं ज्योतिका की बात करें तो एक्ट्रेस ने काफी समय के बाद इस फिल्म से सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की है, लेकिन कहना पड़ेगा क्या दमदार वापसी की है। फिल्म में वो एक लाचार मां का किरदार निभा रही हैं, जो अपनी बेटी जानकी का हाल देख तड़प रही है। अपनी बच्ची की मदद न कर पाने की बेबसी और उसे एक शैतान के चंगुल से छुड़वाने का एक मां किस हद तक जा सकती है, इस पूरी दास्तान को ज्योतिका ने बेहतरीन तरीके से निभाया है।
अंत में बात करें अगर विलेन के रुप में वनराज की भूमिका वाले आर माधवन की, तो मानना पड़ेगा। उन्होंने विलेन के किरदार में इस फिल्म को अलग ही लेवल पर पहुंचा दिया है। माधवन कमाल के एक्टर हैं इस बात में कोई शक नही है, लेकिन शैतान में उनका किरदार आपको सच में डरा देगा। खुद को भगवान वनराज कहने वाले माधवन, कबीर और उसके परिवार की हालत बद से बदतर कर देते हैं और यही इस फिल्म में देखने वाली सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है।
‘शैतान’ में रह गई सिर्फ एक कमी
एक तरह से देखा जाए तो शैतान फिल्म दर्शकों को एंटरटेन करने के लिए बखूबी बनाई गई है, लेकिन इसके बावजूद इसमें एक कमी रह गई है। दरअसल, शैतान में सिनेमेटोग्राफी से लेकर बैकग्राउंड और एडीटिंग तक बेहद शानदार है। हालांकि फिल्म की सबसे बड़ी कमी है इसकी राइटिंग।
किसी भी फिल्म में विलेन किसी विशेष कारण की वजह से हीरो के पीछे पड़ता है। किसी फिल्म में में जो भी हो रहा है, सभी दर्शक ये जरुर जानना चाहते हैं कि आखिर वो क्यों हो रहा है? हालांकि इस फिल्म में ये चीज मिसिंग है। पूरी फिल्म में आप ये नहीं जान पाएंगे कि वनराज कौन है और कबीर के परिवार के पीछे क्यों है? ऐसे में तमाम अच्छी चीजों के बाद ये एक कमी है, जो इस फिल्म में आपका मजा खराब कर सकती है।
ओवरऑल फिल्म की बात करें तो एक्टिंग से लेकर डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले तक में शैतान दर्शकों की उम्मीदों पर खड़ी उतरती है। ऐसे में अगर रेटिंग की बात करें तो हम इस फिल्म को 5 में से 3 की रेटिंग देना चाहेंगे। बाकी आप भी इस फिल्म को देखने के बाद अपनी राय हमें जरुर शेयर करें।