PCOD : ” पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर” आजकल एक बहुत ही आम बीमारी बन गयी है। पिछले कुछ वर्षो में इस बीमारी से संक्रमित महिलाओं की संख्या है। हर 10 में से 2 महिला pcod या pcos का शिकार है। तो आखिर क्यों महिलाओं में pcod का कहर बढ़ गया है। ” पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर” एक आम हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसमे ओवरीज़ में सिस्ट्स बन जाते है जिससे होर्मोनेस का संतुलन परेशान हो जाता है। आजके बदलते समय में लड़किया लड़को से दस कदम आगे चल रही है और हर क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही है। वह घर परिवार को और अपने काम को भी पूरी तरह संभालने और बखूबी निभाने में सक्षम साबित हो रही है।इसी के चलते , वह अपने खान पान और लाइफस्टाइल पर ध्यान नहीं दे पाती। जिसके कारण उनके शरीर में बीमारिया घर कर लेती है।
” पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर” भी इन्ही बीमारियों में से एक है। ये बीमारी दस्तक देने से पहले शरीर में कुछ संकेत देती है। समय रहते अगर इन पर गौर किया जाये तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसके कुछ लक्षण जैसे वज़न बढ़ना ,अनियमित पीरियड्स आना , त्वचा का काला पड़ना , चेहरे पर तेज़ी से बाल उगना , नींद में कमी , बालो का पतला होना , चेहरे पर दाने होना ,प्रेगनेंसी में दिक्कतें आना या शरीर कमज़ोर होना आदि है। अगर इस प्रकार के लक्षण नज़र आये तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करे।
ये भी पढ़ें : Water : शरीर में पानी की कमी को कुछ इस तरह किया जा सकता है दूर
ऐसा नहीं है की ” पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर” का इलाज नहीं किया जा सकता। इसका इलाज बिलकुल किया जा सकता है। बस ज़रूरत है तो सही जानकारी और इलाज की। ” पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर” में आपको विशेष रूप से ध्यान रखना है की आप रोज़ाना व्यायाम करे। नियमित रूप से योग करे और बॉडी को एक्टिव रखे। प्रति दिन 30 से 40 मिनट वॉक पर जाये। सबसे ज़रूरी , अपने खान पान को बदले। प्रोसेस्ड , तला हुआ खाना बंद करदे और केवल घर का पौष्टिक खाना खाये। अपनी डाइट में हरी सब्ज़ियां , फल और ड्राई फ्रूट्स को शामिल करे।
इसी के साथ डॉक्टर द्वारा दी गयी दवाइयों का समय पर सेवन करें और स्ट्रेस बिलकुल न लें। इसके शारीरिक नुक़्सानो के अलावा , मानसिक नुकसान भी है। ” पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर” से जूझ रही महिलाये अक्सर तनाव और उदासी का शिकार हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि pcod में शरीर के होर्मोनेस में उथल पुथल मची होती है। ” पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर” आपसे सिर्फ एक संतुलित जीवन शैली मांगती है। इससे बचने के लिए आपको केवल एक अच्छा लाइफस्टाइल अपनाना है और शरीर को एक्टिव रखना है।