देश में इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक वाहन (Electric vehicle) की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। हर कोई इलेक्ट्रिक कार खरीदने की सोच रहा है। पेट्रोल, डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। इलेक्ट्रिक वाहन की ओर लोगों का रुझान भी बढ़ रहा है क्योंकि पेट्रोल-डीजल की तुलना में यह काफी सस्ता और अच्छा भी है। मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा डीजल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक गाड़ी बनाने पर सब्सिडी भी दी जा रही है, ताकि लोग प्रेरित होकर डीजल गाड़ी छोड़कर सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ी ही चलाएं, इससे वायु प्रदूषण के साथ साथ आम लोगो के जेब पर भी कम असर पड़ेगा।
1 नवंबर को हुए ऑटो अवार्ड्स 2022 के एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) अगले साल से पेट्रोल वाहनों की तरह सस्ते हो जाएंगे। गडकरी के अनुसार भारत में बिकने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में 800% की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार 1.5 लाख बसों को इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना बना रही है। 1.5 लाख बसों में से 93% डीजल पर चलती हैं और कई पुरानी और खराब हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन की लागत पेट्रोल वेरिएंट के बराबर होगी। सरकार ईवी चार्जिंग सुविधाओं का विस्तार करने के लिए काम कर रही है। 2023 तक इलेक्ट्रिक वाहनों में क्रांति लाने की बात कही। सरकार प्रमुख राजमार्गों पर 600 से ज्यादा चार्जिंग पॅाइंट स्थापित कर रही है। विश्वास है कि 6 माह के अंतराल के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत आम आदमी की पहुंच में हो जाएगी।
आगे उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रति किमी लागत पेट्रोल-डीजल में आधी से भी कम होगी, जिसके चलते इलेक्ट्रिक वाहनों की काफी खरीददारी होने वाली है। आपको कुछ इलेक्ट्रिक वाहन महज ₹1km/h की दर से भी यात्रा कराएंगे। बस कुछ ही दिनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल व डीजल वाहनों की तरह ही आम आदमी के बजट में होगी।