Biden and Jinping meeting : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने करीब एक साल बाद बुधवार को मुलाकात की। दोनों नेताओं की यह मुलाकात सैन फ्रांसिस्को के फिलोली एस्टेट में हुई। शी जिनपिंग समेत कई नेता एपीइसी यानी एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग सम्मेलन मे भाग पहुंचे हैं। दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध, ताइवान, चीनी जासूसी गुब्बारे सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। गौर करने वाली बात ये है कि दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब अमेरिका और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। इसके अलावा पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से गुजर रही है। पश्चिम एशिया और यूरोप में युद्ध छिड़े हैं और ताइवान को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है।
दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर हुई चर्चा
दोनों नेताओं ने बैठक के दौरान चीन और अमेरिका के बीच मतभेदों को खत्म करने पर जोर दिया। ये मुलाकात अमेरिका के 2024 चुनाव को देखते हुए काफी अहम मानी जा रही थी। हालांकि, इसी बीच एक बार फिर से बाइडेन ने शी जिनपिंग को एक ‘डिक्टेटर’ यानी तानाशाह बोल दिया। जी हां, अमेरिका का यह मानना अभी भी कायम है। शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद जो बाइडन के कहा कि उन्हें अभी लगता है कि शी जिनपिंग एक तानाशाह के रूप में काम करते हैं।
बाइडेन ने एक बार फिर जिनपिंग को बताया ‘तानाशाह’
बाइडेन ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे उसी दौरान एक रिपोर्टर ने उनसे सवाल पूछा कि क्या वो अभी भी शी जिनपिंग को एक तानाशाह मानते हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा,”वह इस अर्थ में एक तानाशाह है कि जिनपिंग एक ऐसे देश की बागडोर संभालते हैं, जो कम्युनिस्ट विचारधारा को मानता है। उनकी सरकार हमारी सरकार से बिल्कुल अलग है। इसलिए मैं अपने बयान पर कायम हूं।”
इसके अलावा बाइडेन ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि यह सबसे जरूरी है कि हम एक-दूसरे को स्पष्ट रूप से समझें, बिना किसी गलतफहमी के। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रतिस्पर्धा संघर्ष में न बदल जाए।”
शी जिनपिंग ने भी बाइडेन से कही ये बात
वहीं, बाइडन से बातचीत के दौरान शी जिनपिंग ने कहा, “दोनों देशों की सफलता के लिए दुनिया काफी बड़ी है। चीन कभी भी अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा की नीयत नहीं रखता है, इसलिए अमेरिका को भी चीन को दबाने या फिर उसे अपने काबू में करने की योजनाएं नहीं बनानी चाहिए। जिनपिंग ने कहा कि चीन पर अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से हमारे देश के जायज हितों को नुकसान हुआ है। आपको बता दें कि बाइडन ने जून महीने में उत्तरी कैलिफोर्निया में शी जिनपिंग को तानाशाह बताया था। बाइडन के इस टिप्पणी को चीनी अधिकारियों ने बेतुका करार दिया था।