मल्लिकार्जुन खड़गे की पहली चुनौती क्या है
गहलोत-पायलट के झगड़े को खत्म करना खड़गे की पहली चुनौती, गांधी परिवार भी रहा फेल
एक तरफ सोनिया गांधी और दूसरी तरफ राहुल गांधी के साथ खड़े मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष का प्रमाणपत्र सौंपा गया तो उनके चेहरे पर जिम्मेदारी का भाव साफ दिख रहा था।
एक तरफ सोनिया गांधी और दूसरी तरफ राहुल गांधी के साथ खड़े मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष का प्रमाणपत्र सौंपा गया तो उनके चेहरे पर जिम्मेदारी का भाव साफ दिख रहा था। उनका चेहरा खामोश और आंखों में सवाल थे। साफ है कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों और चुनौतियों का अहसास था। उनके पास जो अभी पहली चुनौती होगी, वह है राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच के विवाद को खत्म करना। गांधी परिवार ने इसको लेकर कई प्रयास किए, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। दोनों गुटों की वर्चस्व की लड़ाई को खत्म करने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ प्रियंका गांधी के द्वारा भी पहल की गई थी।
खड़गे ने ऐसे वक्त यह पद संभाला है जब पार्टी अपने इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है। पार्टी की सिर्फ राजस्थान और छत्तीसगढ में सरकार है। लोकसभा में पार्टी के पास 53 और राज्यसभा में सिर्फ 31 सांसद हैं। खड़गे के सामने सबसे पहली चुनौती पार्टी में खुद को स्थापित करना है। खड़गे ने उदयपुर नवसकंल्प के मुताबिक, संगठन में पचास फीसदी पद पचास साल से कम उम्र के लोगों को सौंपने का संकल्प जताया है पर यह आसान नहीं है। इससे बुजुर्ग नेताओं की नाराजगी बढ़ सकती है। कांग्रेस कार्यसमिति में प्रियंका गांधी को छोड़कर सभी सदस्यों की उम्र पचास वर्ष से ज्यादा है। खड़गे की उम्र खुद 80 साल हैं।