Naseeruddin Shah: हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह भले ही काफी लंबे समय से फिल्मों से दूर हैं, लेकिन इसके बावजूद भी अभिनेता आए दिन अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में छाए ही रहते हैं। नसीरुद्दीन शाह कभी सरकार पर तो कभी हिंदी सिनेमा पर तंज कसते ही रहते हैं और अक्सर ही उनके बयानों पर बवाल भी मचता है। इस बीच अब एक बार फिर नसीर साहब ने हिंदी सिनेमा को लेकर तंज कसा है।
मेनस्ट्रीम सिनेमा को लेकर Naseeruddin Shah ने कसा तंज
आपको बता दें कि हाल ही में एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि, “हमारे मेनस्ट्रीम सिनेमा ने दर्शकों के टेस्ट को बर्बाद कर दिया है। फिल्म निर्माता सत्यजीत रे ने इस बात का जिक्र अपनी किताब ‘हमारी फिल्में, उनकी फिल्में’ में किया है, जो उन्होंने 50 साल पहले लिखी थी, जब उनकी फिल्में चल नहीं रही थी, उन्होंने भारतीय फिल्मों की आलोचना की, लेकिन वह केवल भारतीय फिल्म निर्माताओं की तुलना अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं से कर रहे थे।”
नसीरुद्दीन शान ने सत्यजीत रे का दिया उदाहरण
इंटरव्यू के दौरान अपनी बात को जारी रखते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि सत्यजीत रे की सोच दर्शकों को लेकर कुछ अलग थी, वो चाहते थे कि हमारे दर्शक थोड़े अधिक समझदार हो। उन्होंने कहा कि, “सत्यजीत रे ने कहा था कि हमें ऐसे दर्शकों की जरूरत है, जो गुस्सा करते हों, हमें ऐसे दर्शकों की जरूरत है जो जिज्ञासु हों। हमेशा दर्शकों की कोमल संवेदनाओं को ध्यान में रखना सही नहीं है।”
हमारा सिनेमा एक ही तरह की फिल्में बनाता है- Naseeruddin Shah
बता दें कि इसके आगे भी नसीरुद्दीन शाह का गुस्सा शांत नहीं हुआ और उन्होंने आगे कहा कि, “हमारे सिनेमा को 100 साल से अधिक समय हो गया है और हमारा सिनेमा एक ही तरह की फिल्में बनाता रहता है कई कहानियां जो आपको मेनस्ट्रीम की फिल्मों में मिलती हैं, वे यहां मिल सकती हैं। महाभारत जैसे भारतीय महाकाव्यों में, जो लिखे गए सबसे महान महाकाव्यों में से एक है। भारत में आप जो भी मुख्यधारा की फिल्म देखते हैं, उसमें महाभारत का कुछ न कुछ संदर्भ होता है। या तो शेक्सपियर का। हिंदी सिनेमा में हर घिसे-पिटे शब्द को भारी मात्रा में उधार लिया गया है।”
इस फिल्म का कर रहे हैं निर्देशन
आपको बता दें कि नसीरुद्दीन शाह इन दिनों अपनी हालिया रिलीज शॉर्ट फिल्म ‘मैन वुमन, मैन वुमन’ को लेकर भी चर्चा में हैं। इस फिल्म में उन्होंने दूसरी बार निर्देशक की भूमिका निभाई है और साथ ही बतौर निर्देशक उन्होंने 17 साल बाद वापसी की है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने साल 2006 में आई फिल्म ‘यूं होता तो क्या होता’ से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा था।