Friday, November 22, 2024
MGU Meghalaya
Homeखेल"कोचिंग की सबसे मुश्किल बात हार और जीत से कहीं ऊपर है"...

“कोचिंग की सबसे मुश्किल बात हार और जीत से कहीं ऊपर है” जानें कोच राहुल द्रविड़ ने ऐसा क्यों कहा ?

डब्ल्यूटीसी फाइनल में हार के बाद टीम इंडिया का वेस्टइंडीज दौरा कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच राहुल द्रविड़ के लिए अग्नि परीक्षा जैसा है। खासकर वनडे सीरीज में टीम इंडिया को शानदार खेल दिखाना होगा। वनडे फॉर्मेट में इस साल भारतीय टीम पहले एशिया कप और फिर अक्टूबर-नवम्बर में विश्व कप खेलेगी। इसके लिए राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया के खिलाड़ियों को खास गुरुमंत्र देना होगा। गौरतलब है कि भारतीय टीम 12 जुलाई से विंडसर पार्क, रोसेउ, डोमिनिका में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ का आगाज़ करेगी। टीम इंडिया ने यहां आखिरा टेस्ट मैच 2011 में खेला था।

“कोचिंग की सबसे मुश्किल बात हार और जीत से कहीं ऊपर है”

कोच की जिम्मेदारी संभालने के बाद से कई मौको पर द्रविड़ को जवाबदेह होना पड़ा है। द्रविड़ अपने समय में खुद एक महान बल्लेबाज रह चुके हैं। उन्होनें अपने खिलाड़ियों को परफॉम करने का पर्याप्त मौका दिया जिसके बाद खिलाड़ियों ने भी काफी अच्छा किया है। शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी इसका उदाहरण है। हालांकि, उन्हें कई बार उन सवालों के जवाब देने पड़ते हैं जिनका कोई तात्पर्य नहीं होता। द्रविड़ का कहना है कि कोचिंग की सबसे मुश्किल बात हार और जीत से कहीं ऊपर है।

“कभी-कभी बेहद कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं”

एक इंटरव्यू के दौरान उन्होनें कहा- “आप निजी तौर पर उन सभी लोगों की परवाह करते हैं जिन्हें आप कोचिंग देते हैं और आप व्यक्तिगत संबंध बनाने की कोशिश करते हैं। आप उन्हें एक इंसान के रूप में प्रशिक्षित करना चाहते हैं, न कि क्रिकेट खिलाड़ियों के रूप में। जब आप ऐसा करते हैं, तो आप चाहते हैं कि वे सभी सफल हों। लेकिन साथ ही आपको सच्चाई में भी जीना पड़ता है और यह महसूस करना होता है कि उनमें से सभी सफल नहीं होंगे। कभी-कभी आपको बेहद कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं।

“प्लेइंग इलेवन को चुनकर हम लोगों को निराश करते हैं”

द्रविड़ ने आगे कहा, “हर बार जब हम एक प्लेइंग इलेवन चुनते हैं, तो हम लोगों को निराश करते हैं। ऐसे भी लोग हैं जो नहीं खेल रहे हैं। हर बार जब हम किसी टूर्नामेंट के लिए 15 खिलाड़ियों का स्क्वॉड चुनते हैं, तो बहुत सारे लोग हैं जो सोचते हैं कि उन्हें वहां होना चाहिए। आप उनके लिए भावनात्मक स्तर पर बुरा महसूस करते हैं, लेकिन कम से कम हम सभी प्रयास करते हैं। यह कोचिंग या नेतृत्व का सबसे कठिन हिस्सा है। उन लोगों के बारे में कठिन निर्णय लेने होते हैं जिन्हें आप वास्तव में सफल होते देखना चाहते हैं और उनका अच्छा चाहते हैं। लेकिन आप नियम से मजबूर होकर केवल चुनिंदा खिलाड़ियों को चुन सकते हैं।

 

- Advertisment -
Most Popular