‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए भारत सरकार कार्यरत है। भारतीय बाजार मे घरेलु कंपनियों के उत्थान एवं चाइनीज कंपनियो के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए है। इसी कड़ी मे केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन पर भी नकेल कसना शुरू कर दिया है। दरअसल, इसके आगे दिग्गज स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi को सरकार के आगे झुकना पड़ा है। भारत मे स्मार्टफोन मैन्यूफैक्चरिंग के लिए फोन निर्माता ने इंडियन फर्म Dixon Technologies के साथ पार्टनरशिप की है। हालांकि, इस साझेदारी से दोनों कंपनियों को फायदा होगा। इंडियन मार्केट के अलावा इंटरनेशनल मार्केट में फोन एक्सपोर्ट करने के लिए ये पार्टनरशिप की गई है।
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भारत मे होगा कंपटीटिव माहौल तैयार
इंडियन फर्म को शाओमी स्मार्टफोन कंपनी की वैल्यू चैन का फायदा मिलेगा। Dixon की ग्रोथ के लिए एक कंपटीटिव माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी। ताजा डेवलपमेंट से इंडियन कंपनियां भी इंटरनेशनल ब्रांड्स के साथ मुकाबला कर पाएंगी। रिपोर्टस के अनुसार Dixon इस साल अगस्त-सितंबर से शाओमी के स्मार्टफोन का प्रोडक्शन शुरू कर सकती है। बता दें कि नोएडा में 3,20,000 स्क्वायर फीट में Dixon का नया प्लांट तैयार हो रहा है। यहीं नए स्मार्टफोन का प्रोडक्शन किया जाएगा।
भारत सरकार विदेशी कंपनियों को देती है इंसेंटीव
भारत में एपल और शाओमी समेत तमाम कंपनियां प्रोडक्शन के लिए निवेश कर रही हैं। चीन से तमाम कंपनियों के मतभेद के बाद भारत नया मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने जा रहा है। हालांकि, भारत सरकार इसके लिए कंपनियो को कई तरह की इंसेटीव भी देती है। अगर स्मार्टफोन का प्राइस 200 डॉलर से शुरू है तो इंटरनेशनल कंपनियां इस स्कीम का बेनिफिट ले सकती हैं। हालांकि, इंडियन कंपनियों के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है। शाओमी को Dixon के साथ पार्टनरशिप करके पीएलआई स्कीम का फायदा मिल जाएगा, क्योंकि Dixon इंडियन कंपनी है।
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