बुधवार को मोदी कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई। केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से इस दौरान अन्न भंडारण योजना को मंजूरी दी गई है। बैठक में सहकारी क्षेत्र में अनाज भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि आज कैबिनेट बैठक में सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अनुमति अनुमोदन पर फैसला लिया है।
2150 लाख टन होगी क्षमता
“अन्न की रुकेगी बर्बादी”
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दुनिया में सभी बड़े उत्पादक देशों जैसे चीन, अमेरिका, ब्राजील, रूस, अर्जेंटीना जैसे देशों के पास अपने वार्षिक उत्पादन से अधिक की भंडारण क्षमता मौजूद है। अब तक भारत में अन्न के भंडारण की क्षमता वार्षिक उत्पादन का केवल 47 प्रतिशत ही है। इसलिए ये योजना जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इस कदम से अन्न की बर्बादी रुकेगी, क्योंकि मौजूदा समय में देश में बड़ी मात्रा में अनाज भंडारण क्षमता की कमी के कारण बर्बाद हो जाता है। साथ ही इससे आयात पर निर्भरता भी कम होगी और ग्रामीण क्षेत्र में अनाज भंडारण की क्षमता विकसित होने के कारण रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे।