Friday, November 22, 2024
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दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना शुरू करेगी मोदी सरकार, कैबिनेट बैठक में दी गई मंजूरी

बुधवार को मोदी कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई। केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से इस दौरान अन्न भंडारण योजना को मंजूरी दी गई है। बैठक में सहकारी क्षेत्र में अनाज भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि आज कैबिनेट बैठक में सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अनुमति अनुमोदन पर फैसला लिया है।

2150 लाख टन होगी क्षमता

अनुराग ठाकुर ने बताया कि हम करीब 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की शुरुआत करने जा रहे हैं। अभी तक कुल 1450 लाख टन भंडारण की क्षमता है और अब 700 लाख टन भंडारण की क्षमता सहकारिता क्षेत्र में शुरू होगी। इसके बाद कुल क्षमता 2150 लाख टन हो जाएगी। उन्होंने कहा, इसके तहत प्रत्येक प्रखंड में 2000 टन क्षमता के गोदाम बनाए जाएंगे।

“अन्न की रुकेगी बर्बादी”

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दुनिया में सभी बड़े उत्पादक देशों जैसे चीन, अमेरिका, ब्राजील, रूस, अर्जेंटीना जैसे देशों के पास अपने वार्षिक उत्पादन से अधिक की भंडारण क्षमता मौजूद है। अब तक भारत में अन्न के भंडारण की क्षमता वार्षिक उत्पादन का केवल 47 प्रतिशत ही है। इसलिए ये योजना जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इस कदम से अन्न की बर्बादी रुकेगी, क्योंकि मौजूदा समय में देश में बड़ी मात्रा में अनाज भंडारण क्षमता की कमी के कारण बर्बाद हो जाता है। साथ ही इससे आयात पर निर्भरता भी कम होगी और ग्रामीण क्षेत्र में अनाज भंडारण की क्षमता विकसित होने के कारण रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे।

कैबिनेट मीटिंग में लिए गए कई बड़े फैसले

इसके अलावा भी कैबिनेट में हुई इस बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए। अनुराग ठाकु ने बताया कि कैबिनेट ने दिल्ली में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) के रीजनल ऑफिस की स्थापना को मंजूरी दी है। इसके लिए यूपीयू के साथ समझौता किया गया है। UPU को विकास, सहयोग और टेक्निकल मदद से जुड़ी गतिविधियों को समझौते के जरिए शुरू किया जा सकेगा। साथ ही मोदी कैबिनेट ने सिटी इनवेस्टमेंट टू इनोवेट इंटीग्रेट एंड सस्टेन के दूसरे चरण को शुरू करने का ऐलान किया। योजना के तहत देश के 18 शहरों को ग्रीन सिटी में बदला जाएगा। दूसरे चरण की ये योजना 4 साल यानी 2023 से 2027 की अवधि के लिए होगी।
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