अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकने की कोशिशों में विपक्ष जुटा है। इसके लिए विपक्षी नेताओं को एक साथ लाने की तैयारी भी तेज होती नजर आ रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिलहाल विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का मोर्चा संभाल रहा है। वो बीते कई दिनों से तमाम विपक्षी नेताओं से मिलते नजर आ रहे हैं। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए सोमवार को नीतीश कुमार दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर पहुंचे हैं, जहां अहम बैठक हो रही है। बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, JDS अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार में मंत्री संजय झा भी मौजूद रहे।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी शामिल होना था, लेकिन खराब तबीयत के चलते वो बैठक का हिस्सा नहीं बन पाए। नीतीश कुमार ने पिछले महीने भी दिल्ली में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। उस दौरान उनके साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।
केजरीवाल से मिले थे नीतीश
वहीं नीतीश कुमार ने बीते ही दिन यानी रविवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनसे मुलाकात की थी। उस दौरान नीतीश ने कहा था कि केजरीवाल दिल्ली में अच्छा काम कर रहे हैं और ये आश्चर्यजनक है कि उनकी सरकार को काम करने से रोका जा रहा है। इसलिए हम कह रहे हैं कि देश में सभी विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए।
विपक्षी एकजुटता की दिखाई थी ताकत
वहीं शनिवार को कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के 18 दलों के नेता एक साथ एक मंच पर नजर आए थे। इस दौरान भी उन्होंने विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया गया। इसमें NCP प्रमुख शरद पवार, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, JDU अध्यक्ष ललन सिंह, बिहार के उप मुख्यमंत्री और RJD नेता तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन, झारखंड के सीएम और JMM नेता हेमंत सोरेन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, PDP की नेता महबूबा मुफ्ती, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस समारोह में हिस्सा लिया था।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से तमाम नेता विपक्षी एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले NCP प्रमुख शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने मुलाकात की थी, तो उन्होंने विपक्षी एकता की पहल को आगे बढ़ाने की मुहिम को सराहा था। वहीं कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार ने कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी और लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात की। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए नीतीश कुमार लगातार विपक्ष को एक साथ लाने की कोशिशों में जुटे हैं। उनकी ये मेहनत कितनी रंग लाती हैं, ये देखना दिलचस्प होगा।
यह भी पढ़ें: विपक्ष किसके नेतृत्व में लड़ेगा 2024 लोकसभा चुनाव? ममता बनर्जी के बाद अब अखिलेश यादव ने दिया बड़ा बयान