भारत में कई ऐसी जगह है, जो सदियों से लोगों के बीच आस्था का केंद्र रही हैं। ऐसी ही चमत्कारी जगह हैं वृंदावन का निधिवन, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां रोजाना रात को भगवान श्री कृष्ण, गोपियों संग रासलीला करते हैं। शास्त्रों में भी इस बात का वर्णन है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात में गोपियों के साथ रासलीला की थी। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात को निधिवन में प्रवेश पूरी तरह वर्जित होता है। दिन में श्रद्धालु प्रवेश कर सकते हैं लेकिन शाम होते ही निधिवन को खाली करा दिया जाता है।
कान्हा छोड़ जाते है निशानियां
निधिवन में एक महल है रंग महल, जिसकी छत के नीचे श्रीकृष्ण एवं गोपियों के लिए शाम को भोग रखा जाता है, जो सुबह होने पर दिखाई नहीं देता। इसके अलावा मंदिर में मौजूद चंदन के पलंग को शाम 7 बजे से पहले सजा दिया जाता है व लोटा में रखा पानी, राधाजी के श्रृंगार का सामान और दातुन संग पान भी वहां रखा जाता है। सुबह मंदिर के कपाट खुलते वक्त लोटा खाली मिलता है व पान भी नहीं मिलता एवं चादर भी अस्त-व्यस्त मिलती है।
बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि जो लोग रासलीला देखने की कोशिश करते है उनका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है या उनकी मौत हो जाती है। और इसी कारण मंदिर को शाम की आरती के बाद बंद कर दिया जाता है। इसके बाद यहां कोई नहीं रहता। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि तुलसी और मेंहदी के पवित्र पेड़, जो निधिवन में मौजूद है वे सामान्य तुलसी के पौधों से एकदम अलग हैं। यहां मौजूद पेड़ आकार में बड़े हैं और उनकी शाखाएं जमीन की ओर आती हैं। यहां सभी तुलसी के पेड़ जोड़ों में हैं। रात में जब रासलीला होती है तो ये सभी पेड़ गोप-गोपियों के रूप में आ जाते हैं। इसलिए, यहां वृक्षों की डाली ऊपर की तरफ बढ़ने की बजाए जमीन की ओर अपना रुख मोड़ लेती हैं।
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