विश्व की सबसे बड़ी दीवार जिसे Great Wall of China भी कहा जाता हैं, जो अपनी लंबाई की वजह से दुनिया भर में प्रसिद्ध है उसे देखने के लिए हर वर्ष लाखों सैलानी आते हैं। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शुमार इस ग्रेट वॉल की लम्बाई इतनी है कि इसे अंतरिक्ष से भी आसानी से देखा जा सकता है। बता दें कि ये दीवार 6400 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है, जिसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है। इसकी कुल लंबाई लगभग 4160 मील की है और इस दीवार की शाखा 8,851.8 कि.मी. (5,500.3 मील) तक फैली है।
क्यों बनवाई थी ये विशाल दीवार
किलेनुमा की यह विशाल दीवार, मिट्टी और पत्थरों से बनी हुई है, जिसे 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 16वीं शताब्दी तक चीन के विभिन्न शासकों ने बनवाया था। बता दें कि इसे उत्तरी हमलावरों से अपनी रक्षा करने के लिए बनाया गया था। 5वीं शताब्दी के बाद बनी सभी दीवारों को मिलाकर चीन की दीवार का नाम दिया गया, जिसे बनाने में लगभग 20 से 30 लाख लोगों ने अपना पूरा जीवन लगा दिया था। विश्व भर में ये दीवार आज चीन का नाम ऊंचा करती है और इसे युनेस्को द्वारा वर्ष 1980 से विश्व धरोहर घोषित किया गया है। लेकिन अब इस दिवार की देख-रेख नहीं हो रही है, जिसके कारण दीवार का एक बड़ा हिस्सा प्राकृतिक आपदा और मानवीय लापरवाही के चलते ध्वस्त हो चुका है।