दिल्ली BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दिल्ली के जल विहार में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) संरक्षित स्मारक के विध्वंस और 600 मीटर के बंगले के निर्माण का मुद्दा उठाया है। इस पत्र में उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि जल विहार में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा 15वीं सदी के ASI संरक्षित महल को गिराने और वहां बंगले के अवैध निर्माण करवाने के लिए उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया जाए।
बीजेपी का दावा- 15 करोड़ का बजट…
इस पत्र के माध्यम से दिल्ली BJP अध्यक्ष ने एलजी विनय कुमार सक्सेना का ध्यान इस ओर आकर्षित किया और कहा कि ये हैरान कर देने वाली बात है कि 2021 में जब कोरोना महामारी का दौर चल रहा था, तब दिल्ली जल बोर्ड ने एक संरक्षित स्मारक को ध्वस्त कर दिया और उसके बाद वहां तेजी से 600 मीटर का बंगला बना दिया। उन्होंने ये भी दावा किया कि निर्माण के लिए 15 करोड़ रुपये का बजट पास कराया गया।
आज हमने दिल्ली सरकार के दिल्ली जल बोर्ड CEO के द्वारा 15वीं शताब्दी के महल को गिरा कर बंगला बनवाये जाने की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर @LtGovDelhi श्री विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखा। pic.twitter.com/jfyR1ZWMX2
— Virendraa Sachdeva (@Virend_Sachdeva) April 27, 2023
BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने 600 मीटर के इस बंगले को बनाने में आम तौर पर करीब 15 करोड़ रुपये का खर्च आता है। यह चौंकाने वाली बात है कि बजट कैसे स्वीकृत किया गया? इसके साथ ही उन्होंने ये अनुरोध भी किया कि निर्माण राशि को स्वीकृति देने के लिए तत्कालीन सीईओ उदित प्रकाश और उनके तत्कालीन प्रभारी मंत्री सत्येंद्र जैन की भूमिका की भी जांच की जाएं।
उच्चस्तरीय जांच की मांग
सचदेवा ने कहा कि इसके अलावा अखबारों की खबरों से मेरी जानकारी में आया है कि स्मारक स्थल पर इस निर्माण के लिए एएसआई या दिल्ली शहरी कला आयोग से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। न ही तत्कालीन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की संबंधित पर्यवेक्षी निकाय से कोई अनुमति मांगी या ली गई थी। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर मामला है जहां आईएएस अधिकारी श्री उदित प्रकाश ने अपने मंत्री श्री सत्येंद्र जैन की संभावित स्वीकृति के साथ न केवल स्मारक को ध्वस्त करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया बल्कि एक अवैध बंगले के पुनर्निर्माण के लिए एक मोटी राशि स्वीकृत की। BJP अध्यक्ष ने एलजी से इस पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश देने का अनुरोध किया है।