Friday, November 22, 2024
MGU Meghalaya
Homeभारतजहां होना था मुख्यमंत्री का कार्यक्रम, वहीं भड़क गई हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने...

जहां होना था मुख्यमंत्री का कार्यक्रम, वहीं भड़क गई हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने मंच को कर लिया आग के हवाले, जानें पूरा मामला

मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में मुख्यमंत्री का एन बीरेन सिंह का कार्यक्रम तय था, लेकिन इससे एक दिन पहले ही कार्यक्रम स्थल पर हिंसा भड़क उठी। गुरुवार को उग्र भीड़ ने वहां आग लगा दी। यहां जमकर तोड़फोड़ और आगजनी हुई। भीड़ ने पीटी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (Sports Complex) में निर्मित एक ओपन जिम में आग के हवाले कर दिया। मुख्यमंत्री इसी जिम का उद्घाटन करने वाले थे। घटना के बाद चुराचांदपुर जिले में इंटरनेट सेवा को रोक दिया गया और साथ ही इलाके में धारा 144 भी लागू कर दी।

कुर्सियां तोड़ी, मंच फूंक दिया

प्राप्त जानकारी के अनुसार मणिपुर में चुराचांदपुर जिले के न्यू लमका में गुरुवार रात करीब नौ बजे हंगामा बरपा। स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भीड़ को तितर-बितर कर दिया, लेकिन उससे पहले ही प्रदर्शनकारियों ने कुर्सियां तोड़ डाली और मंच फूंक दिया। प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह यहां एक जिम और खेल उद्यान का उद्घाटन करने वाले थे, जिससे पहले ही ये हंगामा हो गया।

 इस फैसले के विरोध में उतरी भीड़

गौरतलब है कि ये हमला ऐसे समय में हुआ, जब आदिवासी नेताओं के एक मंच ने सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक पूरे चुराचांदपुर में बंद का ऐलान किया था। बताया जा रहा है कि इस हिंसा को अंजाम देने वाली भीड़ का नेतृत्वस्वदेशी जनजातीय नेताओं का मंच कर रहा है। यह समूह मणिपुर सरकार के एक फैसले का विरोध कर रहा है। फैसले के अनुसार आदिवासियों के लिए आरक्षित और संरक्षित वन क्षेत्रों का सर्वे कराया जाना है, जिस पर ही ये लोग आपत्ति जता रहे हैं। आरोप है कि इस आदेश के बहाने जनजातीय मंच राज्य सरकार पर चर्चों को गिराने का आरोप लगा रहा है। फोरम का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने चर्चों को ध्वस्त किया है, BJP के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार पवित्र स्थलों का कोई सम्मान नहीं करती है।

इस पूरे बवाल के बाद मुख्यमंत्री का कार्यक्रम आयोजित होगा या नहीं इस पर प्रशासन की ओर से अब तक कोई अपडेट नहीं मिली है। हालांकि चुराचंदपुर जिले के ADM एस थिएनलाटजॉय गंगटे ने बताया है कि जिले में शांति भंग होने की संभावना और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे को देखते हुए बड़ी सभा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है।

- Advertisment -
Most Popular