Sunday, November 24, 2024
MGU Meghalaya
Homeखबर जबरदस्त हैराम' इनके मन में ही नहीं बल्कि आत्मा में रहते हैं

राम’ इनके मन में ही नहीं बल्कि आत्मा में रहते हैं

राम का नाम जेहन में आते ही सबसे पहला विचार आपके मन में क्या आता है। अगर सनातन धर्म की बात की जाए तो जब भी कोई सनातनी राम बोलता है तब उसका मन एकदम शांत हो जाता है। परलौकिक आनंद का अहसास होता है और महसूस होता है कि राम ही हैं जो इस दुनिया के परमसत्य और पूर्ण हैं।

इस दुनिया में सनातनी धर्म के लोगों के लिए राम शब्द नहीं है बल्कि पूर्ण ईश्वर हैं। हालांकि कुछ लोगों के लिए राम भगवान विष्णु के अवतार थे तो कुछ लोगों के लिए, वह महान राजा थे।

लेकिन सत्य यह भी है कि, वह सर्वशक्तिमान ईश्वर हैं और कुछ लोगों के लिए, वह बुराई का नाश करने वाले और धार्मिकता का पालन करने वाले हैं।

राम को शब्दों में लिखना सूरज को दीपक दिखाने जैसा है। राम ही हैं जो शब्दों के द्वारा परिभाषित नहीं किये जा सकते, लेकिन एक हकीकत और है।

यह हकीकत ऐसी है जो राम को राम के अनुयायियों से अलग करती है।

राम मंदिर में नहीं जाने दिया फिर राम को ही शरीर पर किया धारण

छत्तीसगढ़ में रामनामी संप्रदाय के लोगों को उनकी जाति के चलते सैकड़ों साल तक राम मंदिरों में नहीं जाने दिया। संप्रदाय के लोगों ने इसका विरोध भी किया साथ ही एक हल भी निकाला।

रामनामी संप्रदाय के लोगों ने अपने प्यारे राम के नाम के साथ अपने पूरे शरीर पर टैटू गुदवाया। ये परंपरा सैकड़ों साल से चल रही है।

टैटू के बारे में पूछे जाने पर संप्रदाय के एक सदस्य ने कहा, “जब हमारे शरीर पर भगवान का नाम लिखा होता है, तो हमें मंदिर जाने की आवश्यकता क्या है? भगवान सिर्फ मंदिरों में हीं नहीं हर जगह हैं ।” संप्रदाय की युवा पीढ़ी ने राम के पवित्र नाम के साथ अपने शरीर को गुदवाते हैं क्योंकि उन्हें राम मंदिरों में प्रार्थना करने की अनुमति है।

 

- Advertisment -
Most Popular