पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार को निधन हो गया। 95 साल की उम्र में उन्होंने मोहाली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। लंबे वक्त से वो बीमार चल रहे थे। हालांकि इस उम्र में भी प्रकाश सिंह बादल राजनीति में सक्रिय थे। उनके जाने के बाद राजनीति का एक बड़ा अध्याय खत्म हो गया है।
कल होगा अंतिम संस्कार
शिरोमणि अकाली दल के नेता के निधन के बाद केंद्र सरकार ने दो दिन का राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। इनका पार्थिक शरीर सुबह 10 बजे से शिरोमणि अकाली दल के चंडीगढ़ के सेक्टर-28 स्थित पार्टी ऑफिस ले जाया गया है। यहां दोपहर 12 बजे तक आम लोग दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद अंतिम यात्रा चंडीगढ़ से शुरू होगी। इस दौरान राजपुरा, पटियाला और संगरूर होते हुए बरनाला, रामपुरा फूल बठिंडा होते हुए बादल गांव पहुंचेगी। गुरुवार 27 अप्रैल को दोपहर 1 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
प्रकाश सिंह बादल का सियासी सफर
8 दिसंबर 1927 को प्रकाश सिंह बादल का जन्म पंजाब के बठिंडा के अबुल खुराना गांव में हुआ था। उन्होंने लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक की। प्रकाश सिंह बादल ने केवल 20 साल की उम्र में 1947 में सरपंच का चुनाव जीतकर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। इसके बाद वो ब्लॉक प्रमुख बने। बादल ने पहली बार साल 1957 में पंजाब विधानसभा का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था। इसके बाद प्रकाश सिंह बादल ने राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह कुल 10 बार विधायक चुने गए।
1970 में वो पहली बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे। तब उनकी उम्र 43 साल थी। मुख्यमंत्री के तौर पर उनका पहला कार्यकाल सबसे छोटा था। वह करीब 14 महीने तक कुर्सी पर रहे थेय़ 2017 तक सीएम के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले प्रकाश सिंह बादल देश के सबसे बुजुर्ग सीएम रहे और ये सम्मान भी उनके ही नाम रहा। इसके अलावा 1979 से 1980 के बीच चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में कृषि मंत्री भी रहे। बादल 1996 से 2008 तक अकाली दल के अध्यक्ष भी रहे।
जीवन का अंतिम चुनाव हारे बादल
हालांकि पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री और 10 बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले प्रकाश सिंह बादल को अपने जीवन के अंतिम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। जी हां, पंजाब में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में उन्होंने लंबी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट से वह 1997 से लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके थे। लेकिन 2022 के चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी गुरमीत सिंह खुड्डियां ने उन्हें 11 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया था। इससे पहले 2017 विधानसभा चुनाव में प्रकाश सिंह बादल ने अपने प्रतिद्वंदी कैप्टन अमरिंदर सिंह को 22,770 मतों से हराया था।