संपत्ति विवाद को लेकर अपनी ही 88 वर्षीय मां सुशीला की हत्या के लिए मुंबई की सत्र अदालत ने संतोष नाम के व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सुशीला के दो बेटे और पांच बेटियां हैं, जिनमें से एक अविवाहित है। यह घटना 16 जून 2016 को लगभग दोपहर 2:30 बजे हुई, जब सुशीला की बेटियों में से एक एंजेलीना अपनी मां से मिलने गई। करीब पंद्रह मिनट बाद सुशीला का छोटा बेटा संतोष सुर्वे वहां पहुंचा और उससे संपत्ति के रिकॉर्ड की मांग करने लगा। जब उनकी बहन ने इसको रोकने का प्रयास किया, तो कथित तौर पर नशे में धुत संतोष ने उन पर हमला किया और कहा, “यह घर भी मेरा है, तुम दोनों घर छोड़ दो।” घटना के दौरान संतोष ने अपनी मां को मारा, और जब उसकी बहनों ने उसे रोकने की कोशिश की, तो उसने उन्हें एक तरफ कर दिया और अपनी मां की पिटाई करता रहा।
मां की हो गई थी मौत
पुलिस से संपर्क करने के बाद संतोष ने अपनी मां पर हमला करना बंद कर दिया और उन्होंने बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया। लेकिन अफसोस की बात यह है कि उनकी मां को अगले दिन मृत घोषित कर दिया गया। शव परीक्षण रिपोर्ट में सिर की चोट, कई रिब फ्रैक्चर और मायोकार्डियल इंफार्कशन को मौत का कारण बताया गया। बाद में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था।
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संतोष ने आरोप पर विवाद किया और मुकदमे के दौरान दोषी नहीं होने की दलील दी, जिसमें दावा किया गया कि भूमि के संबंध में उनके भाई प्रकाश के साथ असहमति के कारण उन्हें गलत तरीके से आरोपित किया गया था। 88 वर्षीय मां की मौत को अदालत ने एक मानव वध करार दिया था क्योंकि चिकित्सा साक्ष्य स्पष्ट नहीं था कि लगी चोटें उसकी मौत का पर्याप्त कारण थीं। हालांकि सुशीला की बेटी स्नेहलता मां की हत्या के लिए जिम्मेदार के मुद्दे पर अदालत में आक्रामक हो गई थी। वहीं एंजेलिना भी पीछे नहीं हटीं और अपने भाई को बेदखल कर दिया।
इसके अतिरिक्त प्रकाश ने अपने छोटे भाई को पदच्युत कर दिया, यह दावा करते हुए कि संतोष की अपनी मां के साथ रहने पर आपत्ति के कारण झगड़ा हो गया था। हालांकि न्यायाधीश का मत था कि तथ्य स्पष्ट रूप से स्थापित करते हैं कि संतोष ने अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के इरादे मां की मृत्यु का कारण बना, जो कि संपत्ति थी। एंजेलीना के साक्ष्य और डॉक्टर के बयान पर विचार करने के बाद अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची।