Friday, November 22, 2024
MGU Meghalaya
Homeअपराधकानून'किस आधार पर लगाया गया NSA?...' Youtuber Manish Kashyap मामले में सुप्रीम...

‘किस आधार पर लगाया गया NSA?…’ Youtuber Manish Kashyap मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप पर NSA लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा है। पटना और तमिलनाडु में दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग करने वाली मनीष कश्यप की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायलय ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम को लागू करने के लिए तमिलनाडु से जवाब मांगा और मामले की सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान मनीष कश्यप पर जिस तरीके से NSA लगाया गया है उसको लेकर तमिलनाडु सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब तलब किया है। कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से पूछा है कि मनीष कश्यप पर NSA लगाने का क्या आधार है?

सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि सोशल मीडिया और उनके वीडियो में लगभग 60 लाख अनुयायियों ने प्रवासी श्रमिकों में व्यापक आतंक और भय पैदा किया। यह आरोप लगाते हुए कि कश्यप पत्रकार नहीं थे। सिब्बल ने तर्क दिया कि वीडियो एक राजनीतिक एजेंडे के साथ बनाए गए थे और उन्होंने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों के उत्पीड़न पर फेक न्यूज फैलाई है।

तमिलनाडु सरकार से प्रतिक्रिया मांगते हुए उन्होंने हालांकि टिप्पणी की कि सभी एफआईआर का ‘बहाव’ एक जैसा प्रतीत होता है।

कश्यप के खिलाफ मामला

यहां आपको बता दें कि मनीष कश्यप पर फेक वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगा है, जिसको लेकर ही उन्हें गिरफ्तार किया गया। ये मामला तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले से जुड़ा है। आरोप है कि कथित हमले के फर्जी वीडियो मनीष कश्यप ने शेयर किए थे। यूट्यूबर मनीष कश्यप को मदुरै कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने 15 दिन की रिमांड बढ़ा दी है।

उन पर अब राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इन दावों का खंडन किया कि प्रवासी वहां मजदूरों को परेशान किया गया। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी सूचित किया कि किसी भी मजदूर को बाहर नहीं किया गया था। डीजीपी तमिलनाडु शैलेंद्र बाबू के अनुसार, तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमला करने का एक फर्जी और भ्रामक वीडियो जारी किया। घटना के दो वीडियो जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, फर्जी हैं। वीडियो में जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है ताकि ऐसा लगे कि तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर हमला किया जा रहा है।

- Advertisment -
Most Popular