Friday, November 22, 2024
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ग्रुप कैप्टन सुमन राय को बर्खास्त करने का दिया आदेश, बालाकोट एयरस्ट्राइक से जुड़ा है मामला, जानिए…

जम्मू-कश्मीर के बडगाम में अपने ही हेलिकॉप्टर को मार गिराने वाले मामले में जनरल कोर्ट मार्शल ने भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन सुमन रॉय चौधरी को बर्खास्त करने का आदेश दिया है। ये मामला साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद की गई बालाकोट एयरस्ट्राइक से जुड़ा है। एयरस्ट्राइक के अगले ही दिन यानी 27 फरवरी 2019 को इंडियन एयरफोर्स के Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर को एक मिसाइल से निशाना बनाया गया था। इसी मामले में यह फैसला आया है। आपको बता दें कि उस वक्त सुमन राय श्रीनगर वायु सेना स्टेशन के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) के तौर पर कार्यरत थे।

जानें पूरा मामला…

आपको तो याद तो होगा कि कैसे 14 फरवरी 2019 को पाकिस्तान में पुलवामा में बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया था, जिसमें भारतीय सेना के 44 जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तान से जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए भारत के द्वारा 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के अड्डे को नेस्तानाबूद कर दिया था।

एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान बुरी तरह से बौखला गया था और इसके अगले दिन यानी 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में भारत के सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की। इस दौरान भारत और पाकिस्तान के फाइटर एयरक्रॉफ्ट के बीच भीषण जंग भी हुई थी।

वायुसेना द्वारा गठित कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के मुताबिक इस दौरान ही Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर को गलती से इंडियन एयरफोर्स के जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल ने निशाना बनाया गया था। ये हेलिकॉप्टर बडगाम में क्रैश हो गया था।

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कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के अनुसार, भारतीय और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान मिसाइल से हेलीकॉप्टर पर तब हमला किया गया जब हेलिकॉप्टर श्रीनगर वापस जा रहा था। हेलिकॉप्टर में सवार भारतीय वायुसेना के छह कर्मियों के साथ ही एक नागरिक की मौत हो गई थी।

खबरों के अनुसार कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की रिपोर्ट के बाद गठित जीसीएम ने ग्रुप कैप्टन चौधरी को बर्खास्त करने का आदेश दिया है। सूत्रों के अनुसार, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा घटना से जुड़े मामले पर फैसले के बाद ही भारतीय वायुसेना जीसीएम की सिफारिश पर कार्रवाई कर सकती है। मामले को लेकर निर्धारित मानदंडों के अनुसार, अधिकारी को बर्खास्त करने के लिए वायु सेना प्रमुख को जीसीएम की सिफारिश पर स्वीकृति देनी होती है। सैन्य अदालत के फैसले को वायु सेना प्रमुख के समक्ष जल्द ही पेश किया जाएगा।

गौरतलब है कि मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के निष्कर्षों के बाद जनरल कोर्ट मार्शल का गठन किया गया था। कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने जांच में पाया था कि Mi-17 V-5 को एक जमीन से फायर हुए एक मिसाइल से हिट किया गया था। हेलीकॉप्टर में ‘दोस्त या दुश्मन की पहचान’  करने वाला सिस्टम बंद था और ग्राउंड स्टाफ और हेलिकॉप्टर के क्रू दल के बीच संचार और समन्वय में ‘बड़ा गैप’ था। आपको बता दें कि Identification of Friend or Foe सिस्टम एयर डिफेंस के रडार की पहचान कर ये बताया है कि कोई एयरक्राफ्ट या हेलिकॉप्टर अपना है या फिर उसे दुश्मन का।

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