भारत और चीन के बीच संबंध पहले से बिगड़े हुए है। इसके बाद भी चीन सुधरने का नाम नहीं लेता। वो आए दिन भारत को परेशान करने के कोई न कोई नया तरीका खोज ही निकालता है। अब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नाम बदलकर भारत को परेशान करने की कोशिश की है।
चीन की हरकत पर भारत का जवाब
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों का नामकरण किया है। ये नाम तिब्बती, चीनी और पिनइन लिपि में रखे हैं। जिन जगहों के नाम रखे गए, उनमें दो आवासीय क्षेत्र, पांच पर्वतीय क्षेत्र और दो नदियों के नाम शामिल हैं। चीन की इस हरकत पर जहां एक तरफ भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि उसकी इस तरह की हरकतों से हकीकत नहीं बदलने वाली। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने साधा निशाना
वहीं दूसरी तरफ देश में इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। चीन की हरकत को लेकर कांग्रेस पार्टी सरकार पर भड़क गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चीन को क्लीन चिट दिए जाने का परिणाम भुगत रहा है।
खड़गे ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा- “चीन ने तीसरी बार अरुणाचल में हमारे इलाक़ों के नाम बदलने का दुस्साहस किया है। पहले 21 अप्रैल 2017 को उसने 6 जगह के नाम बदले, फिर 30 दिसंबर 2021 को 15 जगह के नाम बदले और अब 3 अप्रैल 2023 को चीन के द्वारा 11 जगहों के नाम बदले गए। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। गलवान के बाद, मोदी जी द्वारा चीन को क्लीन चिट देने का नतीजा, देश भुगत रहा है।“
चीन ने तीसरी बार अरुणाचल में हमारे इलाक़ों के “नाम बदलने” का दुस्साहस किया है।
21 अप्रैल 2017 — 6 जगह
30 दिसंबर 2021 — 15 जगह
3 अप्रैल 2023 — 11 जगहअरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा।
गलवान के बाद, मोदी जी द्वारा चीन को क्लीन चिट देने का नतीजा, देश भुगत रहा है। pic.twitter.com/JTDTuCsRcY
— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 4, 2023
चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति से कई देशों को परेशान करता आया है। वो भारत में भी कई बार घुसपैठ की कोशिशें करता रहता है। वो बात अलग है कि हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है। दरअसल, चीन ने कभी भी अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के तौर पर मान्यता नहीं दी है। चीन अरुणाचल प्रदेश के 90 हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अपना बताता है। वहीं हर भारत, चीन के दावे का सख़्ती से खंडन करता आया है।