Friday, November 22, 2024
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वीर सावरकर को लेकर राहुल गांधी की टिप्पणी पर बढ़ा विवाद: ठाकरे गुट हुआ खफा, क्या गठबंधन पर पड़ेगा असर?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विवादों के बीच एक गहरा ही संबंध नजर आता हैं। जब भी राहुल कुछ बोलते हैं, तो उनके बयानों पर अक्सर ही बड़ा विवाद खड़ा हो जाता है। अभी लंदन में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल के दिए बयानों पर विवाद पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि चार साल पुराने एक मामले ने राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

नाराज हुई उद्धव की शिवसेना

2024 चुनाव को लेकर मोदी सरकार के विरुद्ध विपक्ष लगातार एकजुट होते नजर आ रहा है। हालांकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कुछ बयान इसी विपक्षी एकता पर चोट कर देते हैं। अब ताजा विवाद राहुल गांधी के वीर सावरकर को दिए बयान को लेकर खड़ा हो गया है, जिसने महाराष्ट्र में कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी उद्धव ठाकरे की शिवसेना को ठेंस पहुंचाई हैं।

दरअसल, हाल ही में राहुल गांधी ने माफी मांगने वाले एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा था कि वो सावरकर नहीं, गांधी हैं और गांधी कभी माफी नहीं मांगते। उनका ये बयान उद्धव ठाकरे की गुट वाली शिवसेना को पसंद नहीं आया। यही कारण है कि बीते दिन उद्धव ठाकरे की गुट वाली शिवसेना ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई बैठक में हिस्सा नहीं लिया। वो उनके इसी बयान से नाराज चल रही हैं।

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सामना के जरिए भी साधा निशाना

वहीं इसको लेकर उद्धव गुट वाली शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए कांग्रेस नेता पर निशाना साधा। इस दौरान राहुल को उनके द्वारा याद दिलाया गया कि सावरकर ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और वो उनका अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। साथ ही पार्टी द्वारा ये भी कहा गया कि इस तरह के बयान से कोई भी बहादुर नहीं बनता है और न ही इससे सावरकर का लोगों पर से भरोसा उठता है। केवल इतना ही नहीं इस तरह से सावरकर के खिलाफ बयानों से महाराष्ट्र में पार्टी के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं। साथ ही उद्धव गुट वाली शिवसेना ने ये भी कहा कि सावरकर पर हमला करने से लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराने से उन्हें मिली सहानुभूति कम हो जाएगी।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवेसना और कांग्रेस एक साथ हैं। एनसीपी के साथ मिलकर शिवसेना और कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाया और राज्य में कुछ समय तक सरकार चलाई भी। लेकिन इन दोनों ही पार्टियों की विचारधारा भिन्न हैं। एक तरफ उद्धव शिवसेना वीर सावरकर को अपना आदर्श मानती हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस उन पर लगातार निशाना साधती रहती हैं। राहुल गांधी सावरकर पर अक्सर हमले करते नजर आए हैं। ऐसे में इस तरह की बयानबाजी से 2024 चुनावों और विपक्षी एकता पर क्या असर पड़ता है, ये देखने वाली बात होगी।

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