Maa kalaratri Puja Vidhi : आज नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) का सातवां दिन है। आज यानी 27 मार्च को माता दुर्गा के स्वरूप मां कालरात्रि की उपासना की जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार मां दुर्गा के इस स्वरूप (Maa kalaratri) की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। माता रानी की सच्चे दिल से आराधना करने से मनुष्य को अभय का वरदान मिलता है। तो आइए जानते हैं मां के स्वरूप और पूजा-विधि के बारे में।
देवी कालरात्रि का ऐसा है स्वरूप
आपको बता दें कि मां कालरात्रि (Maa kalaratri) की उत्पत्ति दैत्य चण्ड-मुण्ड के वध के लिए हुई थी। देवी का शरीर रात के अंधकार की तरह काला है। मां के तीन नेत्र और चार हाथ हैं, जिसमें से एक हाथ में कटार, दूसरे में लोहे का कांटा है। वहीं अन्य दो हाथ अभय मुद्रा और वर मुद्रा में है। मां कालरात्रि की सवारी गधा है। देवी के श्वास से अग्नि निकलती है। जबकि बाल बिखरे, भौहें टेढ़ी और विशाल मुख है और गले में बिजली की तरह चमकने वाली माला है।
माता रानी की पूजा विधि
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता कालरात्रि हमेशा अपने भक्तों पर कृपा करती हैं और उन्हें शुभ फल देती हैं। साथ ही उन्हें उनके सभी भय से मुक्त करती हैं। इसी वजह से मां (Maa kalaratri) को ‘शुभंकरी’ नाम से भी जाना जाता हैं। मां का आशीर्वाद पाने के लिए नवरात्रि की सप्तमी तिथि को देवी की गंगा जल, पुष्प, पंचामृत, गंध और अक्षत से पूजा करें। फिर माता को गुड़ का भोग लगाएं। इसके बाद जरूरतमंद और गरीबों को दान दें। माना जाता है कि मां की पूजा यदि शास्त्रीय विधि से की जाती है तो व्यक्ति को तुरंत फल मिलता है।
यह भी पढ़ें- Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्रि में इन रंगों के कपड़े पहनकर करें पूजा, माता का मिलेगा विशेष आशीर्वाद
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।