Maa Skandamata Puja Vidhi : देशभर में चैत्र नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। नवरात्रि हिंदू धर्म का बेहद ही पवित्र पर्व माना जाता हैं। नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा के भक्त उनके नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 से हो गई है। नवरात्रि के पांचवें दिन यानी आज 26 मार्च को मां दुर्गा के स्कंदमाता (Maa Skandamata Puja) स्वरूप की पूजा की जाएगी।
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जानिए मां स्कंदमाता का स्वरूप
आपको बता दें कि देवी स्कंदमाता (Maa Skandamata Puja) को कुमार कार्तिकेय जी की माता के रूप में मान्यता मिली हुई है। कार्तिकेय जी का स्कंद नाम भी है। इसलिए उनके नाम पर ही देवी मां के इस स्वरूप का नाम पड़ा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवी स्कंदमाता को प्रेम और वात्सल्य का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के पांचवें दिन व्रत रखने से और देवी स्कंदमाता की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से बच्चों की लंबी आयु होती है। साथ ही व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके अलावा घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
मां दुर्गा के इस रूप (Maa Skandamata Puja) की चार भुजाएं हैं। देवी ने अपने दाएं तरफ की ऊपर वाली भुजा से कार्तिकेय जी को गोद में लिया हुआ है। इसी तरफ की निचली भुजा के हाथ में कमल का फूल है। जबकि बाई तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा है और नीचे अन्य श्वेत कमल का पुष्प है। देवी स्कंदमाता का वाहन सिंह है, क्योंकि माता को सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है। हालांकि इसी कारण मां के चारों ओर सूर्य सदृश अलौकिक तेजोमय मंडल जैसा प्रतीक होता है।
मां को पीली वस्तुएं जरूर अर्पित करें
मान्यता के अनुसार, देवी स्कंदमाता (Maa Skandamata Puja) की पूजा में धनुष-बाण जरूर अर्पित किया जाता है। इससे मां प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा मां को लाल फूल, अक्षत समेत सुहाग का सामान जैसे कि लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, सिंदूर, लाल बिंदी, लाल नेलपेंट, मेहंदी और लाल लिपस्टिक इत्यादि भी अर्पित किया जाता है। मां स्कंदमाता की पूजा में लाल वस्त्र धारण करना शुभ होता है। मां को ये चीजें अर्पित करने से महिलाओं को सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है। मां को पीली वस्तुएं अति प्रिय हैं। इसलिए देवी को केले का भोग लगाएं या फिर किसी भी पीली मिठाई का। बता दें कि देवी की पूजा भी मां दुर्गा के अन्य स्वरूपों की तरह ही होती है। माना जाता है कि जो भी भक्त देवी स्कंदमाता की सच्चे दिल से पूजा करता है, उसे देवी की कृपा जरूर प्राप्त होती है।
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