Maa Chandraghanta Mantra : आज चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है। आज यानी 24 मार्च को मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। मां की उपासना करने से व्यक्ति में साहस और वीरता की वृद्धि होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता चंद्रघंटा ने राक्षसों का नाश करने के लिए अवतार लिया था। माता (Maa Chandraghanta) अपने हाथों में त्रिशूल, तलवार, गदा व धनुष धारण करती हैं और मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्द्ध चंद्र भी विराजमान होता है। इसी वजह से इन्हें चंद्रघंटा नाम से बुलाया जाता हैं।
माना जाता है कि मां (Maa Chandraghanta) की उपासना करने के साथ-साथ कुछ मंत्रों का जप करने से व्यक्ति में संयम और शांति का वास होता है। साथ ही मनुष्य की सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। तो आइए जानते है देवी चंद्रघंटा के प्रभावशाली मंत्र-
यह भी पढ़ें- Navratri Wishes in Hindi : नवरात्रि पर अपनों को भेजे ये खास शुभकामनाएं संदेश, लिखे- कुमकुम भरे कदमों से…
मां चंद्रघंटा के चमत्कारी मंत्र
ॐ देवी चन्द्रघंटायै नमः॥
पूजा का मंत्र-
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
प्रार्थना मंत्र-
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
ध्यान मंत्र-
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्॥
मणिपुर स्थिताम् तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
खङ्ग, गदा, त्रिशूल, चापशर, पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम॥
प्रफुल्ल वन्दना बिबाधारा कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।
कमनीयां लावण्यां क्षीणकटि नितम्बनीम्॥
यह भी पढ़ें- Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्रि में इन रंगों के कपड़े पहनकर करें पूजा, माता का मिलेगा विशेष आशीर्वाद
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।