How to overcome by Overthinking : जिंदगी में उतार चढ़ाव तो लगे रहते हैं लेकिन कुछ लोग हर समय छोटी सी छोटी बात पर ओवरथिंक करना शुरू कर देते हैं, यानि जरूरत से ज्यादा सोचते है। जिसकी वजह से कई बार वो अपने रिश्ते भी ख़राब कर देते है। ज्यादा सोचने के कारण वह लोग अपने अंदर के उत्साह, उमंगों को भी मार देते है। गौरतलब है कि हमेशा किसी सोच में डूबे रहना भी एक गंभीर व जानलेवा बीमारी का संकेत है। ओवर थिंकिंग से नींद के साथ-साथ स्वास्थ पर भी बुरा असर होता है और दिमाग में नकारात्मक विचार आने लगते है।
क्या होता है ओवर थिंकिंग से
ओवर थिंकिंग करने से नकारात्मक विचार, दिमाग में अतीत के भावनात्मक आघात को दोहराते हैं और मनुष्य को ऐसा लगता है कि सब कुछ खत्म हो गया। ऐसे में नकारात्मक बातें सोचने की आदत हो जाती है और इंसान आशावादी होने की तुलना में हर चीज के बारे में खुद को कहीं ज्यादा निराशावादी महसूस कराता है। बार-बार एक बात को लेकर फोन करना, अपनी सोच के आधार पर निर्णय लेना और अपने दोस्तों और परिवार वालों से बार-बार लड़ना यह सब ओवरथिंक के लक्षणों में से एक है।
ओवर थिंकिंग से बचने के उपाए
ओवर थिंकिंग और नकारात्मक विचारों के चक्र को तोड़ने के लिए तमाम उपाय हैं-
– अधूरे कामों को करें पूरा
– प्रकृति के साथ बिताए समय
– अपने शौक को करें पूरा
– वर्तमान पर दें ध्यान
– अपने लक्ष्य को याद करें बार-बार आदि।
जब आप इन चीजों का ख्याल रखेंगे और आज में जीएंगे तो तब कम ही समय में आप ओवर थिंकिंग की बीमारी से बच पाएंगे।