विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी और मेहुल चोकसी, ये सभी वो लोग हैं जो भारत के बैंकों से करोड़ों का कर्ज लेकर विदेश फरार हो गए और अब भारतीय एजेंसियां सारे दांव चलकर भी इन्हें भारत वापस लाने में असफल साबित होती हुई दिखाई पड़ रही हैं।
चोकसी को मिली राहत
ताजा मामला 13 हजार करोड़ से अधिक रुपये के PNB घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी से जुड़ा है, जिसे इंटरपोल से बड़ी राहत मिली है। जबकि ये भारत के लिए एक बड़ा झटक था। दरअसल, इंटरपोल ने भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को हटा दिया है। चोकसी की एक याचिका पर ये फैसला लिया गया। चार साल पहले मेहुल चोकसी का नाम अपने डेटाबेस में शामिल किया गया था। हालांकि अब उसे ये बड़ी राहत मिली है।
जनवरी 2018 में PNB घोटाला सामने आया था, लेकिन उससे पहले ही मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी देश छोड़कर भाग निकले थे। रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल के द्वारा जारी किया जाता है, जिसके सदस्य दुनियाभर के 195 देश हैं। इस नोटिस के द्वारा ऐसे अपराधियों के बारे में दुनियाभर को सूचित किया जाता है, जो कोई अपराध कर बचने के लिए दूसरे देश भाग जाता है। रेड नोटिस किसी देश से भागे हुए अपराधी को ढूंढने के लिए जारी किया जाता है। ये केवल उस व्यक्ति के अपराध की जानकारी पूरी दुनिया को देता है। साथ ही रेड कॉर्नर नोटिस के जरिए पकड़े गए अपराधी को उस देश में वापस भेज दिया जाता है, जहां उसने अपराध किया होता है।
अब रेड कॉर्नर नोटिस हटने के बाद मेहुल चोकसी पूरी दुनिया में आराम से घूम सकेगा। वो भले ही भारत द्वारा भगोड़ा घोषित किया जा चुका हो और वो वॉटेंड हो, लेकिन दूसरे देशों के लिए वो अब एक आम नागरिक बन चुका है। बताया जा रहा है कि चोकसी ने अपनी याचिका में साल 2021 में भारतीय एजेंसियों द्वारा अपहरण करने और डोमिनिका ले जाने का आरोप लगाया था, जिसके बाद ही उसे ये राहत मिली है।
नीरव मोदी का मामला
मेहुल चोकसी के अलावा उसके जैसे दूसरे लोगों की बात करें जो इसी तरह के अपराध करके दूसरे देश भागे हैं, तो उन्हें भी अब तक भारत वापस लाने में सफलता हाथ नहीं लग पाई है। नीरव मोदी तो अपने प्रत्यर्पण के विरोध में सारी लड़ाईयां हार चुका है। फिर भी उसे अब तक भारत वापस नहीं लाया जा सका। वो फिलहाल लंदन में है। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने तो नीरव मोदी को भारत भेजने का आदेश तक दे दिया था। सिर्फ इतना ही नहीं वहां के सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी दिसंबर 2022 में नीरव मोदी के आवेदन को रद्द कर दिया गया। फिर भी उसे अब तक भारत नहीं लाया जा सका है।
माल्या भी देश वापस नहीं आ पाया
इसी तरह भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। विजय माल्या भारत के 17 बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपए लेकर भागा है। माल्या 2016 से ब्रिटेन में छिपा बैठा है। उसे भारत लाने के लिए भारतीय एजेंसियों ने ब्रिटेन की हर अदालत में जीत हासिल कर ली। 2019 में ब्रिटेन की अदालत द्वारा विजय माल्या के प्रत्यर्पण के विरुद्ध दायर आवेदन को रद्द कर दिया गया था। लेकिन अब तक उसे भी भारत वापस नहीं लाया जा सका है।
देखा जाये तो भारतीय एजेंसियों देश में बड़े बड़े घोटाले कर विदेश भागे इन आर्थिक अपराधियों को वापस लाने की कोशिश तो करती हैं, लेकिन किसी न किसी कानूनी दांव-पेंच के कारण मामला फंस ही जाता हैं। जिसके कारण कई तरह के सवाल भी उठते हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि ऐसे हर अपराधी को भारत वापस लाने की प्रक्रिया जारी है। इसमें वो कब तक सफल हो पाते हैं, ये देखने वाली बात होगी।